Thursday , May 16 2024
Breaking News

Mahalaya Amavasya: 25 सितंबर को महालय अमावस्‍या, इस विधि से पितरों को दें विदाई

Mahalaya Amavasya: digi desk/BHN/  हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर को पड़ रही है। यह वर्ष का एक महत्वपूर्ण दिन है। अश्वनी मास की अमावस्या को पितृ पक्ष समाप्त होता है। सर्व पितृ इस दिन को अमावस्या कहते हैं। पारंपरिक प्रथा के अनुसार पूर्णिमा और अमावस्या का एक अलग महत्व और स्थान है। सभी पितृ अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। अमावस्या हर साल अश्विनी कृष्ण अमावस्या को पड़ती है। इसे महालय अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। सर्व पितृ अमावस्या इस साल 25 सितंबर को पड़ रही है पितृ पक्ष अश्विनी महीने के अमावस्या के दिन समाप्त होता है सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का अंतिम दिन है।

यह है इसका महत्‍व

पूर्णिमा और अमावस्या का पारंपरिक पद्धति के अनुसार एक अलग महत्व और स्थान है। सर्व पितृ अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। अमावस्या हर साल अश्विनी कृष्ण अमावस्या को पड़ती है। इसे महालय अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर को पड़ रही है। यह वर्ष का एक महत्वपूर्ण दिन है। अश्वनी मास की अमावस्या को पितृ पक्ष समाप्त होता है। सर्व पितृ इस दिन को अमावस्या कहते हैं। सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष की अंतिम तिथि है। इस दिन पितरों को विशेष विदाई दी जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पितृ पक्ष इस बार 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर को समाप्त होगा।

पितृ अमावस्या का समय

इस साल सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर को पड़ रही है। अश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि 25 सितंबर को सुबह 3.11 बजे से शुरू हो रही है। वहीं, अमावस्या तिथि 26 सितंबर को सुबह 3:22 बजे समाप्त होगी।

इसी समय धरती पर आते हैं पूर्वज

सनातन धर्म में महालय अमावस्या या सभी पितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों के निमित्‍त विभिन्न प्रकार के भोजन बनाने और चढ़ाने की प्रथा है। ऐसा माना जाता है कि इसी समय पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिवारों को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन कई प्रकार के भोजन बनाकर कौवे, गाय और कुत्तों को देना चाहिए। इसके अलावा इस दिन ब्राह्मणों को भोजन दान करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को पितृदोष से मुक्ति मिलती है और नौकरी पेशा में आने वाली परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।

सर्वपितृ अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें

अमावस्या के दिन सभी पितरों को तर्पण करना चाहिए। तर्पण आप किसी ब्राह्मण से कर सकते हैं। इस दिन किसी को भी घर से बाहर न निकलने दें। घर के बाहर कोई भिखारी या भिखारी भी आए तो उसे कुछ देखकर ही वापस भेजें। इस दिन मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पितृ दोष हो सकता है। इस दिन अपने पूर्वजों का स्मरण करें और उनके नाम पर जितना हो सके दान करें। ऐसा करने से आपको लाभ होगा।

 

About rishi pandit

Check Also

बाबा केदारनाथ जाने का बना रहे हैं प्लान? जानें दिल्ली से क्या है आसान रूट

  उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध चारों धामों में से एक बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *