Madhya pradesh high court high court canceled the merit list of medical pg counseling: digi desk/BHN /जबलपुर/ हाई कोर्ट ने राज्य शासन की ओर से हाल ही में मेडिकल पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए बनाई गई मेरिट लिस्ट (वरीयता सूची) को निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मेरिट लिस्ट का पुनरीक्षण कर फिर से नई लिस्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट के इस आदेश से काउंसलिंग प्रक्रिया पर एक तरह से विराम लग गया है।
राज्य के 30 इन-सर्विस डाक्टरों की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। जिनमें कहा गया था कि जिला क्षेत्रों में काम करने वाले मेडिकल आफिसर, डेमोंस्ट्रेटर व ट्यूटर को राज्य शासन ने 30 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया। उन्हें वरीयता सूची से अलग कर दिया गया। निष्कासित करने का आधार राज्य शासन की ओर से हाल ही में मेडिकल प्रवेश नियम 2018 में किए व गए संशोधन को बनाया गया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी व सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जब 26 जुलाई, 2022 को प्रवेश नियमों में संशोधन किया गया, तब तक असंशोधित नियमों के अनुरूप याचिकाकर्ता 30 प्रतिशत आरक्षण के पात्र थे। वे नीट परीक्षा उत्तीर्ण हो चुके थे। सत्र 2022-23 की प्रवेश प्रक्रिया नीट की परीक्षा के साथ ही प्रारंभ हो चुकी थी।
उसके परिणाम आने के बाद राज्य सरकार ने बीच में ही अनुचित तरीके से नियमों को संशोधित करते हुए 50 से अधिक डाक्टरों को आरक्षण के लिए अपात्र कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिपादित सिद्धांतों में स्पष्ट है कि प्रवेश प्रक्रिया एक बार प्रारंभ होने के पश्चात उस पर लागू होने वाले नियमों का मध्य में संशोधन नहीं किया जा सकता या उसको लागू नहीं किया जा सकता। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने वरीयता सूची निरस्त कर इस आदेश के तारतम्य में पुन: तैयार करने व उसी के आधार पर नई काउंसलिंग प्रक्रिया गति देने के निर्देश दे दिए।