September 2022 Festival:digi desk/BHN/ इस बार 17 सितंबर 2022 को खास योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार इस दिन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन शुभ होने वाला है। दरअसल इस दिन कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा जयंती और महालक्ष्मी व्रत पड़ रहे हैं। 17 सितंबर को सूर्यदेव कन्या राशि में गोचर करेंगे। वहीं विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी। साथ ही मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी व्रत का रखा जाएगा
महालक्ष्मी व्रत 2022
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी का व्रत हर साल रखा जाता है। इस बार व्रत 17 सितंबर, शनिवार को रखा जाएगा। महालक्ष्मी व्रत 16 दिनों का होता है। इस दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता। सिर्फ फलाहार कर सकते हैं। अगर आप 16 दिनों तक व्रत नहीं कर सकते हैं, तो आखिरी दिन महालक्ष्मी व्रत कर सकते हैं। देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ये व्रत शुभ माना गया है। इस व्रत को करने से जातकों को धन-दौलत और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है
विश्वकर्मा जयंती 2022
विश्वकर्मा जयंती का पर्व हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को शिल्पकार कहा जाता है। उन्होंने देवी-देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल और मंदिरों का निर्माण किए। विश्वकर्मा जयंती का दिन शिल्पकार, व्यापारी, कारीगर और मशीनरी से संबंधित कार्यक्षेत्र वाले जातकों के लिए खास है।
कन्या संक्रांति 2022
सूर्यदेव हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। भास्कर जिस राशि में गोचर करते हैं। उस दिन को उसी राशि के नाम की संक्रांति के रूप में जाना जाता है। 17 सितंबर को सूरज देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में आएंगे। वहीं पूरे एक महीने तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे। कन्या संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का महत्व है। साथ ही पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने की परंपरा है।