MP, gotmar mela in chhindwara the historic gotmar fair will start in a while the flag of palash buried in the river: digi desk/BHN/छिंदवाड़ा/जिले के पांढुर्ना कस्बे में ऐतिहासिक गोटमार मेला सुबह 11 बजे से शुरू हो गया। मेले को देखने के लिए काफी संख्या में लोग पांढुर्ना में पहुंचे हैं। पत्थरबाजी लगातार जारी है और दोपहर एक बजे तक 60 से अधिक खिलाड़ी घायल हो चुके है। खिलाड़ियों के उपचार के लिए पांढुर्ना और सावरगांव दोनों ओर मेडिकल कैंप लगाए गए है, जहां खिलाड़ियों का उपचार जारी है। दो प्रमुख कैंपों सहित खिलाड़ियों के लिए बनाए गए अलग-अलग कैंपों में 29 चिकित्सा अधिकारी और 130 स्वास्थ्यकर्मी तैनात है। साथ ही गंभीर घायल होने वाले खिलाड़ियों को तत्काल सघन उपचार के लिए पहुंचाने के लिए 12 एंबुलेंस तैनात की गई है। इसके अलावा जिला कलेक्टर सौरभ सुमन, एसपी विवेक अग्रवाल और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मेले की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। मेले के आसपास के अलावा शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। जिसमें तीन एएसपी, 11 डीएसपी और 16 टीआई सहित 700 से अधिक बल शमिल है। मेले के दौरान गोफन चलाने वालों और अन्य अनैतिक गतिविधियों पर ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है। गोटमार मेले की आराध्य देवी मां चंडीका के दरबार में श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला जारी है। यहां श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मंदिर समिति ने विशेष व्यवस्था की है। शहर के चारों ओर 18 स्थानों पर नाकेबंदी की गई है, जहां गोटमार मेले में शामिल होने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है।
इससे पहले आज सुबह मेले में सबसे पहले पलाश के पेड रूपी झंडे को सुबह 5 बजे पांढुर्ना और सावरगांव का विभाजन करनेवाली जाम नदी में मजबूती से गाड़ दिया गया। जिसके बाद सावरगांव और पांढुरना के इस मेले के प्रति आस्था रखने वाले महिला एवं पुरूष वर्ग ने पूजा अर्चना की। इसके बाद पत्थरबाजी का खेल शुरू हो गया।
पोला पर्व के दूसरे दिन वर्षों पुरानी मान्यता के आधार पर आयोजित होने वाला गोटमार मेला पूरे विश्व मे अनोखा है। गोटमार मेले में पांढुर्ना-सावरगांव दोनों पक्ष के लोग नदी के दोनों किनारों पर खड़े होकर एक-दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। इसमें सावरगांव पक्ष के लोग पलाश के झंडे को पांढुर्ना सावरगांव के बीच बहने वाली जाम नदी के बीच झंडे को स्थापित करते हैं। जिसके बाद पूजा-अर्चना कर गोटमार की प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें दिन-भर दोनो पक्षो के लोग एक दूसरे पर आमने-सामने पत्थर बरसाते हैं। जिससे सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। इस बीच जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक और स्थानीय प्रशासन के पूरे अधिकारी तैनात होते हैं। गोटमार मेले की हर एक गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाये रखते हैं।
पथराव के चलते पीछे हुए दर्शक
सुबह 11 बजे से शुरू हुए मेले में शुरुआत से ही सावरगांव का पक्ष हावी है। पांढुर्ना के खिलाड़ियों में उत्साह कम नजर आ रहा है। पांढुर्ना पक्ष में खिलाड़ियों की कमी देखी जा रही है। सुबह से सावरगांव का पक्ष हावी रहा। पत्थर की वर्षा से दर्शकों को पीछे हटना पड़ा। पांडुरना पक्ष में मेले को लेकर उत्साह घट रहा है।