राजस्व अधिकारियों की बैठक
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण, सीएम हेल्पलाइन सहित राजस्व से जुड़े हर बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने निर्धारित दिवसों में राजस्व कोर्ट में बैठे और आगामी सितंबर माह में राजस्व के सभी कार्यों को अभियान मोड में निष्पादित करें। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, अपर कलेक्टर राजेश शाही, एसडीएम नीरज खरे, एसके गुप्ता, धीरेंद्र सिंह, सुधीर बेक, केके पांडेय, पीएस त्रिपाठी, राजेश मेहता, धर्मेंद्र मिश्रा, संयुक्त कलेक्टर सुरेश जादव सहित सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख आरएन पांडेय भी उपस्थित थे।
राजस्व अधिकारियों की लगातार 4 घंटे चली बैठक में आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों के निराकरण और दर्ज प्रकरणों की समीक्षा में कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि राजस्व के कार्य आम लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं से जुड़े होते हैं। फौती नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के प्रकरणों का निराकरण अभियान मोड में करें। सभी गांवों में बी-वन का वाचन कराएं और प्राप्त आवेदनों को आरसीएमएस में दर्ज कर निराकृत करें। आगामी 10 दिवस में यह कार्यवाही पूर्ण कर एसडीएम 5 सितंबर की टीएल बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि पटवारी निर्धारित दिवसों में अपने हल्के की ग्राम पंचायत में बैठे और फील्ड में जाएं, एसडीएम सुनिश्चित करें। तहसील स्तर पर होने वाली मंगलवार की जनसुनवाई में पटवारियों को भी बुलाएं, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो सके।
कलेक्टर ने कहा कि उनकी कोर्ट में धारणाधिकार के प्रकरणों में वांछित प्रतिवेदन अगले 3 दिन में अपनी अनुशंसा के साथ एसडीएम प्रस्तुत करायें। नामांतरण की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि नामांतरण राजस्व में टॉप प्राथमिकता में रखें। इस वित्तीय वर्ष में 65 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण हुआ है, 7 हजार 606 प्रकरण अभी लंबित है। अगले एक हफ्ते में 75 प्रतिशत निराकरण हो जाना चाहिए। उन्होंने नामांतरण के निराकरण में 50 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सीमांकन की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि संबंधित राजस्व निरीक्षकों को दैनिक आधार पर सीमांकन के टारगेट दें। जिले के कुल 34 राजस्व कोर्ट में सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण 49 प्रतिशत पाया गया।
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में आवेदन करने की समय-सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई गई है। अब तक जिले में प्रारूप-क 77 हजार 660 प्राप्त हुए हैं। इनमें प्रारूप-ख के प्रतिवेदन 66 हजार 376 अर्थात 89 प्रतिशत प्रगति हुई है। नगरीय भू-अधिकार योजना में 781 और स्वामित्व योजना में अब तक 301 गांवों में ड्रोन फ्लाई की कार्यवाही की गई है। जबकि 1010 गांवों में ड्रोन फ्लाई शेष है। ई-केवाईसी की समीक्षा में बताया गया कि 2 लाख 28 हजार 535 लक्ष्य के विरुद्ध 1 लाख 94 हजार 926 की कार्यवाही पूर्ण हुई है, शेष 33 हजार 609 लंबित है। कलेक्टर ने 31 सितंबर तक अनिवार्य रूप से केवाईसी पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार लैंड रिकॉर्ड लिंकिंग में 44 हजार 312 में 28 हजार 434 हितग्राही लिंक किए गए हैं। 15 हजार 878 हितग्राही शेष हैं। कलेक्टर ने दोनों योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति शीघ्र करने के निर्देश दिए हैं।
धारा 92 की आरआरसी वसूली करायें
ग्राम पंचायतों के अंतर्गत धारा 92 के निर्णीत प्रकरणों में वसूली योग्य राशि की तहसीलवार सूची उपलब्ध कराते हुए सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने कहा कि जिनमें अंतिम आर्डर हो गए हैं, उन्हें तहसीलदार आरआरसी के तहत प्रकरण दर्ज कर वसूली कराएं। इनमें मैहर में 12, उचेहरा 15, रामपुर बघेलान 17, मझगवां 26, अमरपाटन 4 और रामनगर के 12 प्रकरण शामिल हैं। सीईओ जिला पंचायत ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र निराकरण करने तथा हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु प्रेरित करने के निर्देश दिए।
राजस्व वसूली में प्रगति लायें
भू-राजस्व एवं अन्य मदों की वसूली की समीक्षा करते हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि जिले में कुल 14 करोड़ 94 लाख रुपए की मांग के विरुद्ध अब तक 9 लाख 97 हजार की वसूली अत्यंत कम है। राजस्व अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति मार्च 2023 तक लक्ष्यानुसार वसूली कर ली जाएगी।
सीएम हेल्पलाईन में ग्रेडिंग सुधारें
राजस्व विभाग की सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा में कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि प्रत्येक राजस्व अधिकारी सीएम हेल्पलाइन को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं और आधा-एक घंटे का समय प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन को दें। शिकायतों की संख्या और राजस्व की ग्रेडिंग से पूरे जिले की ग्रेडिंग प्रभावित होती है। संतुष्टि पूर्ण प्रकरणों के निराकरण की संख्या बढ़ाएं और कोई शिकायतें नॉट अटेंड नहीं जानी चाहिए। कलेक्टर ने भारत सरकार के महानियंत्रक की लंबित कंडिकायें, राहत राशि वितरण, भू-अर्जन के प्रस्ताव, पीएम किसान निधि, सीएम किसान योजना, आयुष्मान कार्ड, अतिक्रमण में मुक्त हुई भूमि का आवासीय प्रयोजन में बंटन, सामान्य प्रशासन आदि बिंदुओं पर गहन समीक्षा की।
सतना जिले के बाहर सुअरों के परिवहन और सुअर के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध
जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सतना जिले के पड़ोसी जिला रीवा में अफ्रीकन स्वाईन फ्लू के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुये रीवा जिले में लागू दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(2) के तहत जिले की सीमाओं में शूकर (सुअर) का परिवहन एवं जिले के अंदर सुअर मांस के विक्रय प्रतिबंधित किये जाने के दृष्टिगत सतना जिले में भी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है।
जारी आदेशानुसार सतना जिले के समस्त सुअर पालक, उप संचालक पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें तथा आयुक्त नगर पालिक निगम सतना, सुअरों की साफ-सफाई एवं उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना सुनिश्चित करेंगें। इसी प्रकार सतना जिले की सीमा के बाहर सुअर एवं सुअरों के परिवहन तथा जिले के अंदर सुअर मांस की दुकानों में मांस विक्रय को तत्काल प्रतिबंधित कर दिया है। पूर्व से संक्रमित सुअरों को सामान्य स्वस्थ्य सुअरों से पृथक रखे जाने तथा इन संक्रमित सुअरों का विक्रय, परिवहन या खाद्य मांस के रूप में प्रयोग करने को प्रतिबंधित किया गया है।