Bilkis Bano Case: digi desk/BHN/ गुजरात दंगों में दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो का दर्द सामने आया है। उन्होंने कहा है कि उनके और उनके परिवार के सात लोगों से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई होने से दुखी हूं। मेरा न्याय से विश्वास उठ गया है। सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए बिलकिस बानो ने कहा कि ‘इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला’ लेने से पहले किसी ने उनकी सुरक्षा के बारे में नहीं पूछा और ना ही उनके भले के बारे में सोचा। बिलकिस ने दोषियों की रिहाई के बाद राज्य सरकार से उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
दुष्कर्म पीड़िता बिलकिस की ओर से उनकी वकील शोभा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि दो दिन पहले 15 अगस्त, 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया। सरकार के इस फैसले को सुनकर उन्हें लकवा सा मार गया है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने देश के उच्चतम न्यायालय पर भरोसा किया. मैंने तंत्र पर भरोसा किया और मैं धीरे-धीरे अपने भयावह अतीत के साथ जीना सीख रही थी। दोषियों की रिहाई से मेरी शांति भंग हो गई है और न्याय पर से मेरा भरोसा उठ गया है।
यह है मामला
2002 के गुजरात दंगों के दौरान 3 मार्च को छपरवाड़ जिले में 20-25 लोगों ने उन पर हमला किया। इस दौरान बिलकिस, उनकी मां और तीन अन्य महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और उन्हें बेरहमी से पीटा गया। जिस समय ये घटना हुई, उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं। उनके परिवार के 6 सदस्य किसी तरह भाग निकले, लेकिन 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। गुजरात सरकार ने सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 लोगों को माफी देते हुए अपनी क्षमा नीति के तहत इनकी रिहाई की मंजूरी दे दी। जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया।