Tuesday , May 21 2024
Breaking News

Satna: सांप्रदायिक सद्भाव एवं समाज सेवा के लिए ‘नन्हे हाथ’ कर रहे बड़े काम

‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर नन्हें फरिश्तों ने पूरे सम्मान के साथ फहराया तिरंगा

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रतिभा कभी परिचय की मोहताज नहीं होती। यह बात सतना शहर की उस मासूम बिटिया पर बिल्कुल सटीक बैठती है जो अभी सिर्फ कक्षा 8 की छात्रा है लेकिन 12 साल की छोटी उम्र में बड़ी शोहरत हासिल कर अपने परिवार सहित समाज को गौरवान्वित करते हुए नेकी की राह पर चलने की सीख दे रही है। यह वह मासूम बच्ची है जो पिछले कई वर्षों से दीन-हीनाे की सेवा कर सर्व समाज के लिए जहां मिसाल बन रही है वहीं अपने परिवार का भी नाम रोशन कर रही है। आजादी के अमृत महोत्सव एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर ‘नन्हीं परी’ एवं उसके परिजनों ने पूरे हर्षोल्लास एवं पूरी गरिमा के साथ घर पर भारतीय ध्वज फहरा कर देश प्रेम की अनूठा उदाहरण पेश किया।

समाजसेवा और जरूरतमंदो की मदद के लिए जाति-धर्म की कोई दीवार नहीं

हम बात कर रहे हैं शहर के जवाहर नगर में रहने वाले एक कार कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट शेरू खान और श्रीमती बेनजीर तंजीन की बिटिया शिरीन की। शहर के क्रिस्टकुला मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा आठवीं की छात्रा शिरीन पहली बार वर्ष 2016 में तब सुर्खियों में आई थी जब उसने अपने ‘नन्हें हाथ’ प्राकृतिक आपदा बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद के लिए बढ़ाए थे। उन्हें खाना, पानी, कपड़ा दवाई आदि की सहायता अपनी पॉकेट मनी बचा कर और गुल्लक फोड़ कर जुटाई गई धनराशि से पहुंचा कर नन्हीं शिरीन और इनके भाई मोहम्मद अल शागिल ने सराहनीय कार्य किया था।

नन्हे फरिश्तों की इस नेकी से खुश होकर तत्कालीन कलेक्टर मुकेश शुक्ला के कार्यकाल में तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ राजेंद्र कुमार सिंह द्वारा गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह पर सम्मानित करते हुए उनकी हौसला अफजाई की गई थी। इसके साथ ही महिला दिवस पर भी इस नन्ही सी बच्ची का टाउन हॉल में सम्मान किया जा चुका है।
हौसलाअफजाई का असर इस बच्ची और इसके भाई पर इतना गहरा हुआ कि दोनों ही पढ़ाई के साथ-साथ समाज सेवा में पूरी तरह जुट गए। बीते कुछ महीनों पहले जब एक गरीब हिंदू परिवार पर आग कहर बन कर टूटी और बेटी के विवाह के पहले ही शादी के लिए जुटाया गया सामान जल कर पूरी तरह खाक हो गया तब भी इन नेकी के फरिश्तों ने प्रभावित परिवार की अपनी गुल्लक फोड़ कर और अपने माता-पिता से अतिरिक्त धनराशि लेकर गरीब परिवार की पूरी सहायता की। ऐसे कई दौर आए जब शहर के ये ‘नन्हे फ़रिश्ते’ दीन-हीनों के साथ मजबूती से खड़े नजर आए। शायद इसलिए आज समूचा शहर और लोग इन्हें ‘नन्हे फरिश्ते’ के नाम से भी जानते हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर बढ़ाया हौसला

 

नन्हे फरिश्तों की समाज सेवा एवं दीन-हीनो की सहायता  तथा कोरोना महामारी के दौरान मास्क और सोशल डिस्टेंसिग को लेकर इन नन्हे फरिश्तों द्वारा किए गए जागरूकता अभियान से खुश होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए इनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए बच्चों का हौसला बढ़ाया तथा बच्चों को इनसे प्रेरणा लेने एवं इसी प्रकार से सभी की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं दीं हैं।

त्योहार पर जब सभी लोग जश्न मना रहे होते हैं तब यह मासूम बिटिया उन लोगों के बीच मौजूद होती है जो दीन-हीन होने के कारण त्योहार नहीं मना पाते। यह बिटिया ऐसे मौकों पर उनके पास पहुंचकर कुछ न कुछ देते हुए उन्हें भी खुश करने की कोशिश करती है। इतनी कम उम्र में बच्चे जब अपनी पसंद की चीज के लिए जिद करते हैं तब यह बच्ची अपना जेब खर्च भी गरीब कमजोर की मदद के लिए बचा कर रखती है।

छोटी सी उम्र में बड़ी सोच कैसे ?

आखिर छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी सोच कैसे आई? यह जानने पर शिरीन कहती हैं कि उनके माता-पिता इस्लाम धर्म को मानने वाले वह नेक बंदे हैं, जो अल्लाह के बताए रास्ते पर चलना पसंद करते हैं और माता-पिता ने हमेशा यही सिखाया है कि गरीब मजबूर की मदद करना अल्लाह की इबादत ही है। शिरीन जितना पढ़ने में होशियार है उतना ही अन्य गतिविधियों खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में भी है। उसकी सिंगिंग और स्विमिंग में बेहद रूचि है। पौधरोपण करना उसे बहुत अच्छा लगता है। यह उसका खास शौक है। आज के बच्चों के लिए शिरीन और उनके भाई अल शागिल वाकई एक मिसाल है।

About rishi pandit

Check Also

Panna: 13 साल की नाबालिग से दुष्कर्म, महिला चिकित्सक के अभाव में MLC करवाने के लिए 180 किमी भटके परिजन

Madhya pradesh panna panna 13 year old minor raped family wandered 180 km to get …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *