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National: अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज क्‍यों है भारत के लिए खास, पढ़ें PM मोदी के संबोधन की खास बातें

Why is international bullion exchange special for india read highlights of prime minister modis address: digi desk/BHN/गांधीनगर/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत सदियों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार व आयात – निर्यात करता आया है लेकिन आजादी के बाद कमजोर आत्मशक्ति के कारण इस पर ध्यान नहीं दिया गया। भारत आर्थिक महासत्ता की ओर बढ रहा है, अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज के जरिए भारत यूके, यूएस, दुबई व सिंगापुर के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए दुनिया में मूल्य निर्धारक की भूमिका में होगा।

गांधीनगर में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक [गिफ्ट] सिटी में देश के पहले एवं दुनिया के तीसरे अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सोने का एक बडा बाजार है, सोने के प्रति भारतीयों का प्रेम महिलाओं की बडी आर्थिक शक्ति बन गया है। बुलियन एक्सचेंज सोना – चांदी के आयात का मुख्य केंद्र बनेगा, इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय बाजार से सोना, चांदी खरीदा जा सकेगा। एक्सचेंज में 125 टन सोना व 100 टन चांदी के संग्रह की क्षमता होगी। इसके जरिए 200 करोड रू के सोने व 50 हजार करोड की चांदी के आयात का अंदाज है।

प्रधानमंत्री ने कहा म्यूचुअल फंड एसोसिएशन के मुताबिक वर्ष 2014 तक म्यूचुअल फंड में 10 लाख करोड का निवेश हुआ जबकि बीते 8 साल में जून 2022 तक इसमें ढाई सौ करोड की बढोतरी के साथ 35 लाख करोड रु का निवेश हुआ। गांधीनगर में दुनिया का तीसरे नंबर का बुलियन एक्सचेंज है जो भारत को दुनिया में मूल्य निर्धारक की भूमिका में लाएगा। भारत की फाइनेंस एवं तकनीक की ताकत दुनिया को आकर्षित करेगी।

भारत की नई व्यवस्था पर भरोसा बढ रहा है, नये संस्थान भारत के गौरव को फिर स्थापित करेंगे। भविष्य में भारत में जो कुछ होगा उसका असर दुनिया पर नजर आएगा। मोदी ने बताया जब गांधीनगर में गिफ्ट सिटी को बनाया तो इसकी पहचान गुजरात की सबसे ऊंची बिल्डिंग के रूप में बताई गई, लेकिन यहां से नये आइडिया निकल रहे हैं। दुनिया के बेहतर दिमाग वाले लोग यहां आकर बाजार को सीख रहे हैं।

गिफ्टसिटी भारत का भूत,वर्तमान व भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गिफ्ट सिटी, गांधीनगर व अहमदाबाद में महज 30 मिनट की दूरी है। अहमदाबाद एक गौरवशाली इतिहास का केंद्र, गांधीनगर नीति, निर्णय निर्धारण का केंद्र तथा गिफ्ट सिटी दुनिया के साथ आर्थिक व्यवहार का केंद्र। यह भारत के भूतकाल, वर्तमान व भविष्य को अपने साथ जोडे हुए है। गिफ्ट सिटी की शुरुआत 2008 में हुई जब दुनिया में आर्थिक मंदी छाई थी और भारत पॉलिसी पैरालिसिस का शिकार था। उस हालात में गुजरात फाइनेंस व तकनीक की ओर कदम बढा रहा था।

व्यापार हमारी प्राचीन विरासत

मोदी ने कहा कि उनके गांव वडनगर में खुदाई चल रही है जहां प्राचीन सिक्के निकल रहे हैं जो यह बताते हैं कि भारत प्राचीन काल से दुनिया के साथ व्यापार व आर्थिक लेन देन करता था। आजादी के बाद हमने गुलामी की सोच व कमजोर आत्मविश्वास के कारण अपनी सांस्क्रतिक व व्यापारिक विरासत को आगे नहीं बढाया। बुलियन एकसचेंज के जरिए भारत ग्लोबल मार्केट व ग्लोबल चैन के साथ तेजी से आगे बढेगा।

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