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Jobs Alert: IT Sectorमें नई तकनीकों को जानने वाले 10 हजार युवाओं की जरूरत

Need of 10 thousand youth who know new technologies in it sector: digi desk/BHN/इंदौर/ आइटी क्षेत्र में भी शहर का नाम देश-दुनिया में प्रसिद्ध होता जा रहा है। टीसीएस और इंफोसिस के बाद एक्सेंचर और कई नामी कंपनियों ने अपने परिसर शहर में शुरू कर दिए हैं। इनमें हजारों युवाओं को रोजगार मिल रहा है। 300 से ज्यादा कंपनियां काम कर रही हैं। तकनीक में आ रहे परिवर्तन का लाभ भी शहर के युवाओं को मिल रहा है।

इस समय आइटी कंपनियों में सबसे ज्यादा जरूरत रियेक्ट, नोड जेएस, सेल्सफोर्स, एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट आफ थिंग्स और रोबोटिक्स तकनीक पर काम करने वालों की है। वर्षों से चल रही पीएचपी और डाट नेट तकनीक को समझने वालों की मांग कुछ समय से कम हुई है। इसकी जगह नई तकनीक को समझने वालों को तलाशा जा रहा है।

रियेक्ट और नोड जेएस तकनीक में काम करने वाले युवा कई कंपनियों को जितनी संख्या में चाहिए, उतने मिल नहीं रहे हैं। इससे उन युवाओं को भी नौकरी मिल रही है, जो छह माह से एक साल का डिप्लोमा करके इन तकनीकों को समझ रहे हैं। आइटी क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इन नई तकनीकों में इंदौर में अगले छह महीने में दस हजार युवाओं की जरूरत है।

दूसरे क्षेत्रों के युवा भी आ रहे तकनीकी क्षेत्र में

कोरोना काल के बाद कंपनियों के पास आटोमेशन का काफी काम आ रहा है। सभी तरह के मैन्युअल काम आटोमेशन में बदले जा रहे हैं। इसके चलते युवाओं की काफी मांग बनी हुई है। यही कारण है कि इंदौर के ज्यादातर इंजीनियरिंग कालेजों में एक वर्ष पहले यानी 2023 में होने वाली जाब प्लेसमेंट की प्रक्रिया 2022 में ही पूर्ण हो गई हैं। कंपनियां कालेज के दौरान ही विद्यार्थियों को नौकरी का प्रस्ताव दे रही हैं। कंपनियों की जरूरत को देखते हुए बीकाम, बीएससी और अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोग भी छह महीने से दो साल का डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करके आइटी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।

आइटी क्षेत्र के कंसल्टेंट शावेज शेख का कहना है कि इस समय एक विद्यार्थी के पास दो से तीन कंपनियों से नौकरी के प्रस्ताव आ रहे हैं। ट्रेनिंग और प्लेसमेंट अधिकारी अतुल भारत का कहना है कि दुनियाभर के कई क्षेत्रों में पूरी तरह आटोमेशन हो रहा है। पहली बार आइटी में इतना ज्यादा बूम देखा जा रहा है। इसका असर इंदौर पर भी हुआ है। कंपनियों को कालेजों से जितने विद्यार्थी चाहिए, उतने मिल नहीं पा रहे हैं। शहर में कई छोटी बड़ी कंपनियां हैं। इनमें हर वर्ष हजारों लोगों की जरूरत पड़ रही है।

स्टार्टअप भी सबसे ज्यादा IT क्षेत्र के

आत्मनिर्भर बनने के लिए युवाओं की ओर से शुरू किए जा रहे स्टार्टअप में उनकी पहली पसंद आइटी क्षेत्र हैं। स्वास्थ्य दूसरे और शिक्षा तीसरे स्थान पर है। कृषि पांचवें स्थान पर है। मार्च 2022 तक की स्थिति के अनुसार 56 क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त करीब 66 हजार स्टार्टअप हैं। इनमें 8374 स्टार्टअप आइटी सर्विस क्षेत्र के हैं। इसमें इंटरनेट आफ थिंग्स में 1229, रोबोटिक्स में 390, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में 1323 और एनालिटिक्स में 537 स्टार्टअप काम कर रहे हैं। पांच साल में स्टार्टअप में सात लाख नौकरियां युवाओं को मिली हैं।

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