Upaaye sawan 2022 upay by lighting a lamp in front of shivling this auspicious fruit is obtained: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सावन का पावन माह चल रहा है। देवाधिदेव महादेव की आराधना में सभी लीन हैं। सभी देवताओं में भगवान भोलेनाथ की भक्ति सहज, सरल और प्राकृतिक पदार्थों के समावेश से की जाती है। महादेव की आसक्ति भांग, धतूरे, बिलपत्रों, नारियल आदि पदार्थों में है। इस तरह शिव पूरी तरह से प्रकृति के नजदीक है उनका निवास कैलाश पर है और उनकी वेशभूषा मृगछाल की है। यानी शिवपूजा यानी प्रकृति का सामिप्य और प्रकृति की पूजा मानी जाती है।
दीप प्रज्जवलन और शिवभक्ति
लिंग पुराण में शिवलिंग के सामने दीपक लगाने का महत्व और उससे मिलने वाले लाभ के संबंध में बतया गया है लिंग पुराण के अनुसार जो भक्त शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाता है वह श्रेष्ठ गति को प्राप्त करता है। जो लकड़ी या मिट्टी का दीपवृक्ष यानी दीवट बनाकर उस पर दीपक जलाता है वह सैकड़ों कुलों के साथ शिवलोक में निवास करता है। लोहे, पीतल, सोने, चांदी और तांबे का दीपक बनाकर शिव को प्रदान करता है वह हजारों चमकते विमानों में बैठकर शिवलोक जाता है।
कार्तिक महीने में जो भक्त घी का दीपक शिवालय में जलाता है और विधि-विधान से शिवजी की पूजा करता है, वह ब्रह्मलोक को प्राप्त करता है। जो रुद्र, गायत्री या ओम मंत्र से आसनादी अर्पण कर शिवलिंग को स्नान करा कर पूजा करता है। दक्षिण भाग में ओम के द्वारा ब्रह्मा की पूजा और गायत्री मंत्र से विष्णु की पूजा करता है या पंचाक्षर मंत्र या ओम से अग्नि में हवन करता है। वह शिवलोक को प्राप्त करता है।
इस तरह सुतजी ने कहा कि शिव पूजा की जो बातें महर्षि व्यास ने रुद्र के मुख से सुनी थी वह मैने आप लोगों को कही है।