BrahMos Missile Test: newdelhi/ पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रही गोलीबारी और चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने मंगलवार को अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से इस क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल ने सटीक निशाने पर सफर वार किया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारत ने मंगलवार को अंडमान निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण किया है। ब्रह्मोस का निशाना अंडमान द्वीप समूह में ही एक अन्य द्वीप पर लगाया गया था। यह परीक्षण मंगलवार को सुबह 10 बजे भारतीय सेना ने किया।
गौरतलब है कि भारतीय सेना में डीआरडीओ की ओर से विकसित की गई मिसाइल प्रणाली को भारतीय सेना की कई रेजिमेंट में शामिल किया गया है। साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल की स्ट्राइक रेंज अब 400 किमी से ज्यादा बढ़ा दी गई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक चीन और पाकिस्तान के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा पर चल रहे विवाद के बीच भारत इस सप्ताह कुछ और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बह्मोस के लाइव परीक्षण कर सकता है।
ये हैं ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
- – मिसाइल पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन से भी वार कर सकती है ।
- – यह मिसाइल 3700 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हमला कर सकती है।
- – ब्रह्मोस मिसाइल की गति अमेरिकी सेना की मिसाइल टॉमहॉक से चार गुनी तेज है।
- यह मिसाइल 290 किमी से लेकर 300 किमी तक हमला कर सकती है।
- ब्रह्मोस को पहली बार 12 जून 2001 में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से लांच किया गया।
- 12 जून 2004 को इस मिसाइल को एक मोबाइल लांचर के जरिए टेस्ट किया गया था।
- भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जिसके पास मन्यूवरबल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।