अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ वर्ष 2016 से 2020 तक पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत उफरी कला में शासन द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए मंजूर किए गए कार्य और स्वीकृत राशि का दुरुपयोग करने के आरोप में पंचायत सरपंच, सचिव और उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और 26 जुलाई तक अपना पक्ष रखने हेतु निर्देशित किया गया है। 12 लाख 56 हजार 480 रुपये का गबन करने का आरोप तीनों के ऊपर है। यह शासकीय राशि जो मनमाने तरीके से आरित कर ली गई है की वसूली हेतु तीनों के ऊपर दंडात्मक स्वरूप अलग-अलग राशि वसूल करने का निर्देश से जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जारी किया गया है।
जिला पंचायत विहित न्यायालय द्वारा पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत के उफरी कला ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच द्रोपती सिंह, सचिव श्रीमती प्रेमवती बाई और उपयंत्री अजय टांडिया के खिलाफ शो काज नोटिस 15 जुलाई को जारी किया है। इन तीनों पर आरोप है कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में बन रहे सीसी सड़क, हितग्राहियों के पेंशन प्रकरण को लंबित रखने, अस्पताल के अतिरिक्त कक्ष निर्माण जैसे अनेक कार्य में शासन द्वारा स्वीकृत राशि का सही उपयोग नहीं किया गया और राशि का आहरण व्यक्तिगत रूप से करके क्षति पहुंचाई गई है। मामले की शिकायत है जिला पंचायत अधिकारी, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप संचालक पंचायत राज संचालनालय तथा लोकायुक्त में भी की गई थी।
सरपंच द्रोपती सिंह और सचिव श्रीमती प्रेमवती बाई के खिलाफ 5 लाख 85 हजार 626 तथा उपयंत्री अजय टांडिया के ऊपर 85 हजार 522 रुपये का आहरण कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किए जाने पर राशि वसूल करने के संबंध में शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कई शिकायतें तीनों की हुई थी जिस पर अप्रैल माह में जांच समिति गठित कर जांच करवाई गई और जांच टीम ने 14 जून को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें सरकारी राशि का दुरुपयोग होना पाया गया। जांच टीम ने पाया था वर्ष 2016-17 में मुक्तिधाम निर्माण पूर्ण एवं गुणवत्ता खराब पाई गई जिसकी स्वीकृति राशि 263 लाख थी मैं से 2 लाख 55 हजार 680 सरपंच सचिव और उपयंत्री द्वारा अनुचित तरीके से आहरित कर ली गई थी।तीनों से बराबर समानुपात में राशि वसूली हेतु जांच टीम ने प्रस्तावित किया था। वर्ष 2020 में भूरा टोला बाबा टोला गांव में छोटेलाल के घर से जियालाल के घर तक एवं बटोला में सीसी रोड का निर्माण किया गया जिसमें बड़े-बड़े बोल्डर का निर्माण करवा दिया गया था जांच टीम ने दोनों कार्य गुणवत्ता हीन पाया था और पीसीओ से जांच करवाई थी। इसी तरह मुख्य मार्ग से रमुआ के घर तक वर्ष 2016-17 में 274 लाख के के विरुद्ध पंचायत में 4 लाख 4800 व्यय राशि दिखाई थी। जांच टीम ने 1 लाख 30800 में गड़बड़ी पाई और तीनों से 43600 रुपये वसूली योग्य माना गया है।इसी तरह 9 हितग्राहियों के पेंशन प्रकरण स्वीकृत कराए जाने में घोर लापरवाही बरते जाने पर भी वसूली राशि प्रस्तावित की गई है। इस मामले में ग्राम पंचायत पर लाभ दिलाने में उदासीनता बरतने का आरोप है।
पशु अस्पताल के लिए अतिरिक्त कक्ष 1लाख 98 हजार तथा अस्पताल में स्वीकृत अतिरिक्त कक्ष की राशि 4 लाख का सरपंच- सचिव द्वारा शासकीय राशि का गबन कर लिया गया। गांव में इंदर सिंह के घर तक 9 ला 16 हजार 525 लाख रुपये से सड़क बननी थी इसमें से पंचायत में 8 लाख 25 हजार व्यय करना बताया जबकि जांच टीम ने पाया कि कोई कार्य नहीं हुआ है इस मामले में सरपंच और सचिव से बराबर 4 लाख 12 हजार 500 रुपये वसूली योग्य राशि प्रस्तावित की गई है। जांच टीम में जांच के दौरान सचिव का स्थानांतरण जरूरी माना जिस पर सचिव प्रेमवती का दूसरी जगह स्थान आधा कर दिया गया ताकि जांच प्रभावित न हो। टीम ने मटेरियल भुगतान पर भी रोक लगवा दी हैं।