आम खरीदार को लाभ नहीं
खास बात ये कि थोक बाजार में हैंड सैनिटाइजर के दाम भले आधे हो गए हैं लेकिन आम उपभोक्ता तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा। दवा निर्माता शाह के मुताबिक अब भी सैनिटाइजर की बोतलों पर एमआरपी 500 रुपये प्रति लीटर ही प्रिंट हो रही है। ऐसे में ब्रांडेड और रिटेल काउंटर जो एमआरपी पर बिक्री कर रहे हैं वे उपभोक्ता को कम हुई कीमत का लाभ नहीं दे रहे। बेसिक ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के सचिव जयप्रकाश मूलचंदानी के अनुसार कच्चे माल के रूप में इथेनॉल की पर्याप्त उपलब्धता है। ऐसे में आगे भी दाम बढ़ने के आसार नहीं है। पहले आइसोप्रोपाइल अल्कोहल से सैनिटाइजर बनता था जो कि महंगा होता है और महाराष्ट्र से मप्र में आपूर्ति होती थी।