MP lokayukta team caught housing board clerk taking bribe of 10 thousand rupees: digi desk/BHN/उज्जैन/लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को भरतपुर स्थित हाउसिंग बोर्ड के कार्यालय में सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी को मकान के नामांतरण के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित ने देवास के जिला कोर्ट कर्मचारी से उसके मकान के नामांतरण के नाम पर घूस की मांग की थी।
लोकायुक्त निरीक्षक बसंत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राहुल दांगी निवासी हरिओम नगर देवास जिला न्यायालय देवास में भृत्य के पद पर पदस्थ है। राहुल ने वर्ष 2019 में देवास के जवाहर नगर में एक ईडब्ल्यूएस मकान 12.70 लाख रुपये में खरीदा था। नामांतरण के लिए उज्जैन के हाउसिंग बोर्ड कार्यालय में 10 मार्च को आवेदन दिया था।
कार्यालय के संपत्ति प्रबंधन शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 बालमुकुंद मालवीय उसका नामांतरण नहीं करते हुए उसे बार-बार टाल रहा था। कुछ दिन पूर्व मालवीय ने उससे 20 हजार रुपये की मांग की थी। दोनों के बीच सौदा 10 हजार रुपये में तय हुआ था। 5 जुलाई को राहुल ने इसकी शिकायत लोकायुक्त को की थी। जिसके बाद लोकायुक्त ने दोनों की बातचीत को रिकार्ड करवाया था। शुक्रवार को बाबू मालवीय ने राहुल को रुपए लेकर भरतपुर स्थित कार्यालय बुलाया था। जैसे ही राहुल ने मालवीय को रुपए दिए और इशारा किया लोकायुक्त की टीम ने मालवीय को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
दो माह में छह रिश्वतखोरों को पकड़ा
लोकायुक्त ने दो माह में छह रिश्वतखोरों पर कार्रवाई करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। 24 मई को लोकायुक्त ने आगर-मालवा के सहायक परियोजना अधिकारी एवं पंचायत सचिव अनूप चौहान को 60 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद 3 जून को देवास जिले के सतवास तहसील में राजस्व निरीक्षक राजेंद्र धुर्वे को कृषि भूमि के सीमांकन व नक्क्षे में त्रुटि सुधार के नाम पर 9 हजार रुपये की घूस लेते हुए सतवास से रंगे हाथों पकड़ा था।
7 जून को घट्टिया तहसील के पटवारी अजीमउद्दीन कुरैशी को जमीन के सीमांकन के नाम पर आठ हजार रुपये की घूस लेते हुए पकड़ा था। 26 जून को सायबर सेल में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रवीणसिंह को 10 हजार रुपये लेते हुए शास्त्री नगर से गिरफ्तार किया था। प्रधान आरक्षक प्रवीण सट्टे के केस में झूठा फंसाने के नाम पर घूस की मांग कर रहा था। सात जुलाई को नागदा के पटवारी जितेंद्रसिंह राणावत को सात हजार रुपये लेते हुए तथा नागदा के ही ग्राम बेड़ावन के शिक्षक बगदीराम को 9500 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।