Gurmeet Ram Rahim Singh: digi desk/BHN/बागपत/ डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी पैरोल पर जेल से बाहर हैं। इस बीच, Gurmeet Ram Rahim Singh को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है। Gurmeet Ram Rahim Singh के कुछ समर्थकों ने पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है कि जेल से रिहाई के बाद बागपत के बरनावा आश्रम में जो राम रहीम पहुंचे हैं वो असली नहीं, बल्कि उनका कोई हमशक्ल है। इसके लिए बकायदा दोनों के शारीरिक बनावट और व्यव्हार का फर्क बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि असली Gurmeet Ram Rahim Singh का अपहरण हो चुका है और उनकी जान खतरे में है। Gurmeet Ram Rahim Singh के समर्थकों का आरोप है कि इस सब के पीछे हनीप्रीत सिंह है। पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट में सोमवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
बता दें विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या में राम रहीम सिंह और चार अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन्हें पिछले महीने हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल से एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था।
क्या लिखा है याचिका में
याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट हरियाणा सरकार को आदेश दे कि वह असली और नकली राम रहीम की सच्चाई का पता लगाए और यदि यह नकली है तो असली राम रहीम का पता लगाया जाए। याचिकाकर्ताओं में अशोक कुमार नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है। अशोक कुमार ने खुद को डेरा सच्चा सौदा का कट्टर अनुयायी होने का दावा किया और याचिका में आरोप लगाया कि रिहाई के बाद उन्होंने राम रहीम के व्यक्तित्व में कई बदलाव देखे। जैसे ऊंचाई एक इंच बढ़ी, हाथों की उंगलियों के साथ-साथ पैरों के आकार में वृद्धि हुई, आंखों का आकार छोटा हो गया, कंधों की चौड़ाई कम हो गई, दांतों की बनावट बदल गई, आवाज और शरीर की भाषा बदल गई।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि पैरोल मिलने के बाद राम रहीम के आधार कार्ड में कुछ बदलाव किए गए थे और इसके पीछे का मकसद फर्जी दस्तावेजों के जरिए डेरा प्रमुख के ट्रस्ट को हड़पना था क्योंकि वह ट्रस्ट के एकमात्र मालिक हैं। याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि मामले की सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।