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Abortion Rights: 50 साल पुराना गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

USA Abortion Rights: digi desk/BHN/नई दिल्ली/अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए देश में बीते 50 साल से जारी गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की दुनियाभर में चर्चा हो रही है, वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब अमेरिकी में भी सियासत तेज हो गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की निंदा की। उन्होंने इसे लाखों अमेरिकियों द्वारा अनुभव की गई “आवश्यक स्वतंत्रता” पर हमला कहा। बराक ओबामा ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न केवल लगभग 50 साल की मिसाल को उलट दिया, बल्कि राजनेताओं और विचारकों की सनक के लिए सबसे गहन व्यक्तिगत निर्णय को खारिज कर दिया। लाखों अमेरिकियों की आवश्यक स्वतंत्रता पर हमला किया।

गर्भपात का अधिकार नहीं देता है संविधान

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अमेरिका का संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है। इसलिए हमारी तरफ से “रो वी वेड” केस को खारिज कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने नियम-कानून बना सकते हैं।

जानें क्या है “रो वी वेड”

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस ऐतिहासिक फैसले को पलटा है, वो अमेरिका की ही सुप्रीम कोर्ट ने साल 1973 में दिया था। इस केस का नाम “था रो बनाम वेड” था। तब 1973 में मैककॉर्वी नाम की महिला के दो बच्चे थे और तीसरा आने वाला था, लेकिन मैककॉर्वी वो तीसरा बच्चा नहीं चाहती थीं, ऐसे में उन्होंने अमेरिका के फेडरल कोर्ट का रुख किया था., लेकिन तब फेडरल कोर्ट ने उन्हें गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी, इस फैसले के दो साल बाद मैककॉर्वी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने मैककॉर्वी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए गर्भपात की इजाजत दे दी थी।

साल 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि गर्भ को रखना है या नहीं रखना है, इसका फैसला महिला का होना चाहिए। इस एक फैसले के बाद ही अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था, लेकिन अब इतने सालों बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसी फैसले को पलट दिया है, जिसकी वजह से देश में माहौल काफी गर्म है। कई संगठन इस फैसले के विरोध में आ गए हैं।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया देश के नाम संबोधन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश के नाम संबोधन भी किया है। इस फैसले का विरोध कर रहे लोगों से उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की है। बाइडेन ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमें काफी खतरनाक रास्ते पर लेकर जा रहा है, लेकिन फिर से शांति बनाए रखें। वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत नहीं किया है। बराक ओबामा ने एक ट्वीट कर इसे निजता हनन बताया है। ओबामा ने कहा कि कोर्ट ने सिर्फ 50 साल पुराना आदेश वापस नहीं लिया है, बल्कि उन्होंने सीधे-सीधे अमेरिकियों की निजी स्वतंत्रता पर हमला कर दिया है।

अमेरिका में कई राज्य गैरकानूनी गर्भपात पर बना चुके हैं कानून

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद यहां करीब आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लग सकता है। यहां पहले ही 13 राज्य ऐसे कानून पारित कर चुके हैं, जो गर्भपात को गैरकानूनी करार देते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला गर्भपात विरोधियों के दशकों के प्रयासों को सफल बनाने वाला है।

 

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