MP Weather Alert: digi desk/BHN/ भाेपाल/ बंगाल की खाड़ी अथवा अरब सागर में काेई प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से चार दिन से मानसून मध्यप्रदेश में आगे नहीं बढ़ रहा है। इस वजह से वर्षा की गतिविधियाें में भी कुछ कमी आने से तापमान भी बढ़ने लगा है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक इस तरह की स्थिति 27 जून तक बनी रह सकती है।
उसके बाद वर्षा हाेने का सिलसिला शुरू हाेने की संभावना है। हालांकि तापमान बढ़ने से कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ती रहेंगी। उधर शुक्रवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिवनी में 18, मलाजखंड में तीन, इंदौर में 0.2, छिंदवाड़ा में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस नौगांव में दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वर्तमान में अलग-अलग स्थानाें पर छह मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। इस वजह से वातावरण में कुछ नमी आ रही है, जिसके चलते तापमान बढ़ने पर दाेपहर बाद कहीं-कहीं बौछारें पड़ने लगती हैं। 27 जून से मानसून के फिर सक्रिय हाेने के आसार है। उसके बाद प्रदेश के अधिकतर जिलाें में वर्षा हाेने का सिलसिला शुरू हाे सकता है। इसके पहले दिन के तापमान में और बढ़ाेतर हाे सकती है। मप्र में अधिकतम तापमान 42 डिग्रीसे. तक पहुंच सकता है।
ये मौसम प्रणालियां है सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षाेभ उत्तर भारत में हवा के ऊपरी भाग में एक द्राेणिका के रूप में बना है। दक्षिणी गुजरात से केरल तक एक अपतटीय द्राेणिका लाइन है। दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। अरब सागर के महाराष्ट्र तट पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
झारखंड पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर पूर्वी मप्र से हाेकर विदर्भ तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इन छह मौसम प्रणालियाें के असर से कुछ नमी आने के कारण राजधानी सहित मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलाें में गरज-चमक के साथ वर्षा हाे रही है।