Saturday , May 18 2024
Breaking News

Spiritual: 18 साल बाद 24 को बन रही अनोखी खगोलीय स्थिति, कई शुभ संयोगों में योगिनी एकादशी का व्रत

Tyohar after 18 years a unique astronomical situation is being created on june 24 yogini ekadashi fast will be kept in many auspicious coincidences: digi desk/BHN/छिन्दवाड़ा/आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत रखते हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। योगिनी एकादशी पर सुकर्मा, धृति के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इसके अलावा अश्विनी व भरणी नक्षत्र रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में इन सभी योगों को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। साथ ही इस दिन लक्ष्मी नारायण योग भी बन रहा है, जो बहुत ही खास है। इस योग में पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस योग में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी होती है। मां लक्ष्मी की पूजा इस योग में सुख समृद्धि देने वाली होती है। योगिनी एकादशी पर सुकर्मा, धृति के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इसके अलावा अश्विनी व भरणी नक्षत्र , लक्ष्मी नारायण योग व पंचमहापुरुष योग रहेगा।

इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के साथ योगीराज श्रीकृष्ण, तुलसी और शिव परिवार की पूजा भी करनी चाहिए। योगिनी एकादशी व्रत से मोक्ष को मिलता है। इस व्रत की महिमा से व्रती को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। इसके अलावा योगिनी एकादशी व्रत को लेकर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत श्रद्धापूर्वक करने से व्यक्ति के कुष्ठ रोग या कोढ़ पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

  • एकादशी का प्रारंभ 23 जून रात्रि 12 बजकर 23 मिनट से हो रहा जो की 24 जून रात्रि 12 बजे 49 मिनट तक रहेगी।
  • इस एकादशी पर कुछ इस तरह से अनोखी खगोलीय स्थिति बनेगी
  • “गुरु, मंगल, बुध, शुक्र और शनि काे मिलाकर बन रहा पंच महापुरुष योग-“

24 जून को आकाशीय मंडल में अनोखी खगोलीय स्थिति बनने जा रही है जिसमें 18 वर्षों बाद बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह पूरे एक महीने एक सीध में नजर आने वाले हैं। ऐसे में यदि किसी को इस अति दुर्लभ नजारे को देखना है तो यह सुबह-सुबह देखा भी जा सकता है।जब भी कोई ग्रह परिवर्तन करता हैफिर वह अपनी गति में परिवर्तन करके वक्री या मार्गी हो, सूर्य के नजदीक आने से अस्त हो या दूर जाने से उदित हो या गोचर करे तो इसका व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जब ज्योतिष की दुनिया के 5 दिग्गज ग्रह एक साथ आने वाले हैं तो इसका हमारे जीवन पर प्रभाव तो अवश्य पड़ेगा। इसी प्रकार से यह ग्रह 2040 में भी एक साथ आएंगे और बात करें अतीत में हुई ऐसी घटना की तो आखिरी बार ग्रह ऐसे सीध में 2004 में आए थे।

इन ग्रहों को ऐसे देखा जा सकेगा

सुबह जल्दी घर से बाहर निकलने पर यह ग्रह आपको नजर आ सकते हैं। कहा जा रहा है जैसे-जैसे जून का महीना आगे बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे आसमान में बुध ग्रह को देखना आसान होता जाएगा। 24 जून को यह नजारा स्पष्ट और खास नजर आएगा। 24 जून को शुक्र और मंगल के बीच घटते हुए अर्धचंद्र को भी देखना मुमकिन होगा। हालांकि इस नजारे काे नंगी आखाें से नहीं देखा सकते। यह दुर्लभ नजारा देखने की सबसे सही दिशा पूर्व की अाेर क्षितिज में होने वाली है। इसे दुरबीन की सहायता से 1 घंटे के लिए देख सकते हैं।

 बनेगा पंच महापुरुष योग

 इस दिन गुरु, मंगल, बुध, शुक्र, और शनि इन्हें मिलाकर पंच महापुरुष योग बनता है। पंच महापुरुष योग तब सबसे ज्यादा सार्थक होता था। जब भगवान श्रीराम और कृष्ण की कुंडली में यही पंच महापुरुष योग विराजमान था। 24 जून के साथ-साथ 21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है। 22 जून को मंगल के करीब आ जाएगा। 24 जून को चंद्रमा सभी ग्रहों से बड़ा नजर आएगा। 26 जून को चंद्रमा शुक्र के पास नजर आएगा। 27 जून को चंद्रमा के पास बुध ग्रह नजर आएगा।

देश-दुनिया और आम जनजीवन पर क्या पड़ेगा इस अनोखी खगोलीय घटना का प्रभाव

आशंका है कि विश्व नेताओं के बीच किसी मुद्दे को लेकर तीखी बहस हो सकती है। सरकारी अधिकारियों के कुछ बयानों के चलते समस्या होने की भी आशंका है। कृषि क्षेत्र में उछाल देखने को मिलेगा। चीनी, गुड़ और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने की संभावना है।

चूंकि इस सीधी रेखा में शुक्र भी शामिल है ऐसे में शुक्र के इस परिवर्तन के चलते देश की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। बुध के सीधी रेखा में होने से पड़ोसी राज्यों से भारत के रिश्ते औसत रहने वाले हैं। इसके अलावा शुक्र के प्रभाव स्वरूप ऑटोमोबाइल उद्योग में दुनिया तेजी देख सकती है। सीधी रेखा में मंगल भी शामिल है। ऐसे में मंगल के इस परिवर्तन और वृश्चिक राशि पर उसकी दृष्टि से भूमि से लाभ मिलने की प्रबल संभावना है।

ऐसे में मंगल के इस परिवर्तन और वृश्चिक राशि पर उसकी दृष्टि से भूमि से लाभ मिलने की प्रबल संभावना बनती नजर आ रही है। इसीलिए इस समय अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इन ग्रहों के इस तरह से सीधी रेखा में आने से विशेष तौर से उत्तर-पूर्व क्षेत्र में भूकंप और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थितियां बन सकती हैं। खनन, बैंकिंग, चिकित्सा, शेयर बाजार, और क्रिप्टो जैसे क्षेत्रों में इस समय अवधि के दौरान कुछ चुनौतियां खड़ी हो सकती है। ( साभार)

(ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी, छिन्दवाड़ा)

About rishi pandit

Check Also

जीवन में सुख-समृद्धि के लिए सही नक्षत्र में करें रत्नों का चयन

नौ प्रमुख रत्नों का नवग्रहों से संबंध माना जाता है। सूर्य के लिए माणिक्य, चन्द्रमा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *