Agnipath Railway Damage: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ देश में अग्निपथ योजना के विरोध में उपद्रवी तत्व विरोध प्रदर्शन के नाम पर ट्रेनों में आग लगा रहे हैं। तथाकथित गुस्साए छात्र ट्रेन की बोगियों में आग लगा रहे हैं और अब तक कई बोगियां जलकर खाक हो चुकी है। आमतौर पर हमारे देश में एक पैसेंजर ट्रेन में 24 बोगियां लगाई जाती है और इसमें अलग-अलग श्रेणी के कई कोच लगे होते हैं, जैसे पैंट्री कोच, लगेज कोच, गार्ड कोच और जनरेटर कोच आदि। इस प्रकार एक पूरी ट्रेन को बनाने में कई करोड़ रुपए की लागत आ जाती है, लेकिन जब से सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना (Agnipath Scheme) पेश की है, तभी से विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई रेलगाड़ियों को फूंक दिया गया और रेलवे को करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। आइए इस रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं कि रेलवे की एक बोगी बनाने में कितना खर्च आ जाता है।
Agnipath Railway Damage: ‘अग्निपथ’ के विरोध में जलाई ट्रेनें, 70 लाख में तैयार होता है एक सामान्य कोच, 1000 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान
40-50 लाख की लागत में बनती है एक बोगी
रेल अधिकारियों के मुताबिक आजकर रेलवे को कोच LHB तकनीक से बनाए जाते हैं और एक खाली कोच बनाने में करीब 40 लाख रुपए का खर्च होता है। वहीं कोच में सीट, पंखे, टॉयलेट इत्यादि सामान लगाने पर लागत 50 से 70 लाख रुपए तक बढ़ जाती है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये सभी बोगियां जनरल या स्लीपर क्लास की होती है। एक जनरल कोच की कीमत 80 से 90 लाख रुपए तक तो स्लीपर कोच की कीमत 1.25 करोड़ रुपए तक हो सकती है।
3 करोड़ में बनता है एक AC कोच
वहीं खाली डिब्बे को जब AC कोच में बदला जाता है, तब इसमें एसी की पूरी व्यवस्था, सीटों की प्रीमियम क्वालिटी, पर्दे, ग्लास विंडो आदि की लागत लगने के बाद थर्ड AC और सेकेंड AC कोच की लागत 2 से 2.5 करोड़ रुपए तक जाती है, दूसरी ओर First AC या Executive AC कोच की लागत 3 करोड़ रुपए से भी ऊपर चली जाती है।
ट्रेन इंजन की कीमत 20 करोड़ रुपए
इसके अलावा ट्रेन को चलाने वाले इंजन की कीमत भी करीब 20 करोड़ रुपए होती है। ट्रेन इंजन की कीमत भी ईंधन के आधार पर होती है। डीजल इंजन और इलेक्ट्रिकल इंजन दोनों की कीमत अलग अलग होती है। ऐसे में एक ट्रेन की कीमत करीब 70 करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है। अग्निपथ योजना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 12 ट्रेनों को नुकसान पहुंचाया गया है। एक अनुमान के मुताबिक 60 बोगियों और 11 इंजन को जलाया जा चुका है, जिसमें रेलवे को करीब 1000 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है।