Trade, rbi angry over loan recovery methods calling at wrong time and using foul language will not work: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ लोन वसूलने वाली कंपनियों के तौर-तरीकों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक नाराज़ है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने जबरन कर्ज वसूली के तरीकों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वसूली एजेंटों द्वारा वक्त-बेवक्त फोन करना, खराब भाषा में बात करना सहित अन्य कठोर तरीकों का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है और केंद्रीय बैंक इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान दे रहा है ताकि इन पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गवर्नर ने कहा कि इस तरह की ज्यादातर घटनाएं उन संस्थाओं से जुड़ी होती हैं, जो पंजीकृत नहीं हैं। हालांकि यह भी जानकारी मिली है कि हमने जिन संस्थानों को मंजूरी प्रदान की है, वह भी ऐसा करते हैं। RBI गवर्नर ने कहा, “कर्ज आकलन में नए तौर-तरीकों का इस तरह से बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने से अत्यधिक कर्ज, अपर्याप्त कर्ज आकलन जैसी चिंताएं पैदा हो सकती हैं।” उन्होंने कहा कि आरबीआइ डिजिटल कर्ज प्रदान करने पर जल्द ही एक विमर्श पत्र लेकर आएगा।
प्रतिस्पर्धा और डाटा प्राइवेसी को लेकर सवाल
गवर्नर ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा वित्तीय कारोबार में उतरने से पैदा होने वाली दिक्कतों को भी बताया। उन्होंने कहा कि इससे कर्जदार के स्तर पर अत्यधिक कर्ज लेने और उसे नहीं चुका पाने जैसी चिंताएं पैदा हो सकती हैं। गूगल, अमेजन और फेसबुक (मेटा) जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों के वित्तीय कारोबार में आने से प्रतिस्पर्धा और डाटा प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े होंगे।
कंपनियों के साथ जोखिम जुड़े
उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के साथ जोखिम जुड़े हैं, जिसका उचित तरीके से आकलन करके उसके निपटना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कंपनियों में शामिल ई-वाणिज्य कंपनियां, सर्च इंजन और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म, जिन्होंने अपने स्तर पर या साझेदारी के जरिये “बड़े स्तर पर” वित्तीय सेवाओं की पेशकश करना शुरू कर दिया और इस तरह कर्ज आकलन के नए तौर-तरीकों का इस्तेमाल होने लगा है।