पन्ना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन पी 141 ने दो नन्हे शावक को जन्म दिया है। शावकों की पहली तस्वीर पन्ना टाइगर रिजर्व में भ्रमण करने आए पर्यटकों द्वारा ली गई है। पहली बार कैमरे में कैद हुए बाघिन के साथ दो शावक जो कि लगभग 2-3 माह के लग रहे हैं। पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बाघिन पी 141 ने अपने तीसरे लिटर में पीटीआर के परिक्षेत्र मंडला अंतर्गत दो शावको जन्म दिया है। शर्मा ने बताया कि शावकों की पहली तस्वीर पाक भ्रमण करने आए कुमार अमित द्वारा 12 जून को खींची गई हैं। जिसे उन्होंने पार्क प्रबंधन के साथ साझा की हैं। दोनों शावक स्वस्थ दिख रहे हैं और अपनी मां बाघिन के साथ भ्रमण कर रहे हैं। बाघिन पी 141 पहले भी दो बार बच्चों को जन्म दे चुकी है। बाघिन द्वारा पहले लिटर मार्च (2018) और दूसरे है लिटर जून (2020) मैं दो दो शावको को जन्म दिया था।
पीटीआर पर इसी तरह मेहरबान रहे प्रकृति
पन्ना का जंगल आदिकाल से बाघों का घर रहा है। यहां प्रकृति के विविध रूप जहां देखने को मिलते हैं वहीं वनराज सहित विभिन्न प्रजाति के वन्य प्राणी व पक्षी भी यहां आश्रय पाते हैं। एक तरह से प्रकृति पन्ना पर मेहरबान है। लेकिन मानवीय दखलंदाजी, गलतियों तथा प्रकृति और पर्यावरण के खिलाफ चलने वाली गतिविधियों से वन्य जीवों की जिंदगी में खलल पड़ता है, जिससे क्षति भी होती है। पन्ना जब बाघ विहीन हो गया तो बाघों को यहां फिर से आबाद करने के लिए सार्थक व रचनात्मक पहल हुई। इस पहल का प्रकृति ने भी न सिर्फ स्वागत अपितु सहयोग भी किया। इसी का नतीजा है कि पन्ना का जंगल आज न सिर्फ बाघों से आबाद है बल्कि यह नन्हे शावकों से हमेशा गुलजार रहने लगा है। अब यह हमारे ऊपर है कि हम पुरानी गलतियों की पुनरावृत्ति न होने दें ताकि प्रकृति प्रदत्त पन्ना की यह अनमोल धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित और संरक्षित रहे।