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कांग्रेस में बड़ा बदलाव, अब ऑनलाइन वोटिंग से चुनेंगे पार्टी अध्यक्ष

Congress President Election: newdelhi/ लगातार हार से सबक लेते हुए कांग्रेस पार्टी ने अब बड़े बदलाव शुरू कर दिए हैं। परंपरागत तरीके छोड़कर अब पार्टी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल माध्यम से पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी। कांग्रेस पार्टी ने ऐतिहासिक बदलाव करते हुए डेलिगेट्स के लिए डिजिटल कार्ड जारी करने का काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी की सेंट्रल इलेक्टशन अथॉरिटी की ओर से पार्टी अध्यक्ष चुनने वाले डेलिगेट्स की वोटर लिस्ट बनाने का काम किया जा रहा है।

राहुल गांधी की बढ़ सकती है दिक्कत

हालांकि सियासत के जानकारों को मानना है कि पार्टी के इस कदम से राहुल गांधी की दिक्कत बढ़ सकती है। लेकिन यदि वोटिंग के माध्यम से राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाते हैं तो राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी में एक निर्विवाद नेता के रूप में अपना सिक्का जमा सकते हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के दावेदार बढ़ते हैं तो सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी को पूरी चुनाव प्रक्रिया समयानुसार करनी होगी, जिसमें बैलेट वोटिंग शामिल हैं।

चुनाव समिति से जुड़े एक नेता ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। सिर्फ दो राज्यों को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों से डेलिगेट्स की सूची मिल चुकी है। कांग्रस पार्टी की सूची वैसी ही होगी, जैसी 2017 में राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के दौरान थी। हालांकि इस डेलिगेट्स की सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया चल रही है। हर डेलिगेट्स के आईडी कार्ड में एक बारकोड भी दिया जाएगा, जिसमें मतदाता के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

राहुल के इस्तीफे के बाद सोनिया गांधी बनी थी अंतरिम अध्यक्ष

गौरतलब है कि अब कांग्रेस का स्थायी अध्यक्ष चुना जाएगा। यह स्थायी अध्यक्ष अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेगा। नए नियमित अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल के लिए रखा गया है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। अब नए अध्यक्ष का कार्यकाल 2022 तक होगा।

नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट

लोकसभा चुनावों में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस ने डिजिटल माध्यम से चुनाव कराने पर जोर दिया जा रहा है। पार्टी के अंदर ही नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट तेज हो गई और कई नेता अब खुलकर गांधी परिवार के खिलाफ बोल रहे हैं। इसके बाद से ही केंद्रीय नेतृ्त्व पर लगातार दबाव बढ़ रहा है।। वहीं गांधी परिवार को लेकर वंशवाद का दंश झेल रही कांग्रेस के सामने संगठन के चुनाव को पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने की चुनौती रहेगी।

इसलिए संभवत: पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए ऑनलाइन वोटिंग सिस्टम को चुना गया है। सूत्रों के मुताबिक आगामी 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव और अधिवेशन बुला सकती है। चुनाव प्राधिकरण में अरविंदर सिंह लवली, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, कर्नाटक के पूर्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा और लोकसभा सांसद जोथिमणि हैं। इसके चैयरमैन मधुसूदन मिस्त्री हैं।

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