Gyanvapi Case Swami Avimukteshwaranand: digi desk/BHN/वाराणसी/ वाराणसी का ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। इस मामले में अभी कोर्ट का फैसला आना बाकी है, लेकिन इससे पहले धार्मिक नगरी काशी में साधु संतों ने शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा करने के लिए अनुमति मांगी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आज 4 जून को ज्ञानव्यापी परिसर में संतों के साथ पूजा-अर्चना करने की घोषणा की है, वहीं जिला प्रशासन ने कहा है कि यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है और विवादित स्थल पर सीआरपीएफ का घेरा है, इस कारण से प्रशासन ने पूजा की अनुमति नहीं दी है। किसी विवाद की स्थिति से बचने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था पहले से कड़ी कर दी है।
बोले, कोर्ट के फैसले तक क्या भगवान भूखे प्यासे रहेंगे
पुलिस द्वारा मठ पर रोके जाने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि न्यायालय का जो निर्णय होगा, उसे हम मानेंगे लेकिन कोर्ट का निर्णय आने तक क्या भगवान भूखे और प्यासे रहेंगे?…हमने प्रार्थना करने की अनुमति के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की, लेकिन पुलिस से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मैंने अपने खुद के मोबाइल से आयुक्त को याचिका भेजी और अपने आदमी को पत्र के साथ उपायुक्त के ऑफिस भेजा। मेरे पास प्रमाण है। मैं यहां बैठूंगा, पूजा के बाद ही खाना खाऊंगा।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 4 जून को ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा करने का ऐलान किया है। काशी जोन के डीसीपी ने कहा कि अगर वहां कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने की कोशिश की जाती है को हम कानून के हिसाब से सख्त कार्रवाई करेंगे। किसी भी तरह से शांति और कानून व्यवस्था को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है।
71 लोगों के साथ ज्ञानवापी में जाएंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि वे ज्ञानवापी मस्जिद में प्रकट हुए भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा करने के लिए 71 श्रद्धालुओं के साथ 4 जून को सुबह 8:30 बजे श्रीविद्या मठ से निकलेंगे। उन्होंने बताया कि 71 लोगों में एक ब्रह्मचारी होगी। इसके अलावा 64 श्रद्धालु पूजा सामग्री के साथ रहेंगे। वहीं साथ में 5 पंडित भी जाएंगे। हम सभी अनुशासित रहेंगे। उन्होंने बताया कि हम सभी केदार घाट से नाव से ललिता घाट पहुंचेंगे। वहां कलश में गंगाजल भरकर प्रकट हुए शिवलिंग पर अर्पित करने के लिए जाएंगे। पूजा, आरती और भोग-राग के बाद सभी लोग नाव से वापस केदार घाट स्थित श्रीविद्या मठ के लिए 10 बजे लौटेंगे।
प्रशासन सतर्क
वहीं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस ऐलान के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। डीसीपी काशी जोन ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर में जहां स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पूजा की अनुमति मांग रहे थे, उसे कोर्ट के आदेश से सील कर दिया गया है। नियमों के विरुद्ध पूजा करने का मतलब होगा कि प्रशासन और न्यायालय दोनों की अवज्ञा करना होगा। यह जानकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को दी गई है। अगर फिर भी ऐसा करते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।