Crime: मुरैना/हत्या के मामले में छह साल से फरार चल रहे आरोपी को पकड़कर ला रही पुलिस पार्टी पर हमला हो गया। हमले में एक आरक्षक गंभीर घायल हो गया। उसके इलाज से जिला अस्ताल के डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए और ग्वालियर रेफर कर दिया। घायल आरक्षक की पिस्टल और सोने की चेन तक गायब है। पुलिस और ग्रामीणों के बीच खूनी संघर्ष ऐसा हुआ कि गांव के चार लोग भी घायल हैं। देर शाम हुई यह घटना दिमनी थाना क्षेत्र के बघपुरा गांव की है।
हत्या और एससीएसटी एक्ट के मामले में जखौना गढ़ी पंचायत के बघपुरा गांव निवासी संदीप तोमर करीब छह साल से फरार है। गुरुवार को दिमनी पुलिस को सूचना मिली कि संदीप अपने गांव में है। इस सूचना के बाद दो बाइकों से चार आरक्षक संदीप को पकड़ने गए, जहां उनका मुंहवाद हो गया। इसके बाद दिमनी थाने से पुलिस की गाड़ियां पहुंचीं। घेराबंदी करके संदीप तोमर को पकड़ लिया और गाड़ी में बैठाकर उसे थाने ले गए। लेकिन बाइकों से जो आरक्षक गए थे, उनमें से दो आरक्षक विक्रम परमार व लोकेन्द्र परमार को आरोपी संदीप के स्वजन व कुछ ग्रामीणों ने घेरकर पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद आरक्षकों ने सूचना थाने को दी।
सूचना पर एक गाड़ी में पुलिसकर्मी गांव में पहुंचे जहां, ग्रामीणों से आमना-सामना हो गया। इस विवाद में चार ग्रामीणों के भी घायल होने की सूचना है, जिन्हें दिमनी थाने में बैठाए रखा। उधर हमले में घायल आरक्षक विक्रम परमार को ग्वालियर रेफर कर दिया गया है। बताया गया है कि विक्रम परमार की पिस्टल व सोने की चेन भी हमले में गायब हो गई है। दिमनी पुलिस इस मामले में शासकीय कार्य में बाधा व प्राणघातक हमले की धाराओं में एफआइआर कर रही है।
थानेदार से लेकर एसपी तक ने साधी चुप्पी
इस घटना के बाद दिमनी थाना प्रभारी जितेन्द्र नागाइच से लेकर एसपी अनुराग सुजानिया तक ने चुप्पी साध ली। इस मामले को लेकर 5 बार टीआई जितेन्द्र नागाइच को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इसके बाद क्षेत्र के एसडीओपी गुलाब सिंह को फोन किया तो उन्होंने खुद को छुट्टी पर बताकर घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही। एसपी सुजानिया को 4 बार कॉल किए, लेकिन एसपी ने फोन नहीं उठाया। अफसरों ही स्थिति देख यही लगा मानो पूरी पुलिस फोर्स इस घटना को दबाने में ताकत झोंक रही है।