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Mumbai: महाराष्ट्र सरकार का फैसला, 5 दिन बंद रहेगी औरंगजेब की कब्र, जानिए क्यों

Top News 19 May:  digi desk/BHN/ मुंबई/ औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने पांच दिन के लिए मजार को आम लोगों के लिए बंद करने का फैसला लिया है। उद्धव ठाकरे सरकार में डिप्टी सीए अजित पवार ने यह बात कही। उनके मुताबिक, प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।

बता दें, पिछले दिनों AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब की कब्र पर चादर चढ़ाई थी। इस पर विवाद हुआ था और राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त कर दिया जाए।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार, जल्द तय होगी तारीख

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की ओर से दायर अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है। जिला जज राजीव भारती ने पाया कि हिंदू पक्ष की दलीलों में इतना दम है कि याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार ली जाए। अब सुनवाई की अगली तारीख तय की जाएगी। पूर्व में सभी पक्षों की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी थी। अदालत को आज यह तय करना था कि कि ये वाद आगे चलने लायक है या नहीं। रंजना अग्निहोत्री ने सितंबर 2020 में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की थी। ये वाद 30 सितंबर को खारिज कर दिया गया था। इसकी अपील वादी ने जिला जज की अदालत में की थी। इस मामले में वादी पक्ष के साथ ही प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सुनने के बाद अदालत ने बीते पांच मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ईदगाह में लड्डू गोपाल के अभिषेक को अदालत से मांगी अनुमति

इस बीच, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में याची दिनेश शर्मा ने बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर शाही मस्जिद ईदगाह (प्राचीन मंदिर) में लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की अनुमति मांगी है। अदालत ने सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख तय की है। अखिल भारत हिदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने पूर्व में अदालत में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। उन्होंने कमिश्नर नियुक्त कर विवादित स्थल का सर्वे और वीडियोग्राफी कराने का भी प्रार्थना पत्र दिया है। बुधवार को उन्होंने अदालत में एक और प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने शाही मस्जिद ईदगाह को ही भगवान श्रीकृष्ण का प्राचीन मंदिर बताते हुए उसमें लड्डू गोपाल ले जाकर उनका अभिषेक करने की अनुमति मांगी है। दिनेश ने बताया कि एक जुलाई को इस पर सुनवाई होगी।

 

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