Indore News:इंदौर/ पुलिस अब किसी मामले में अचानक चालान पेश नहीं कर सकेगी। उसे चालान पेश करने से पहले संबंधित पक्षकार और वकील को इसकी जानकारी देना होगी कि अमूक तारीख पर चालान पेश किया जा रहा है। जिला शिकायत समिति ने अपनी बैठक में इस पर मुहर लगाते हुए निर्देश जारी कर दिए हैं। बैठक में जिला न्यायालय में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के लिए भी कई अन्य निर्णय लिए गए।
इंदौर अभिभाषक संघ अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार वर्मा और सचिव कपिल बिरथरे ने बताया कि जिला शिकायत समिति की बैठक में पक्षकारों और वकीलों की समस्याओं व शिकायतों पर विचार हुआ। बैठक में जिला रजिस्ट्रार महेंद्रपाल सिंह, लोक अभियोजक विमल मिश्रा, जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख शामिल थे। बैठक में इस बात पर विचार हुआ कि देखने में आता है कि अक्सर पुलिस किसी मामले में अचानक से चालान पेश कर देती है। संबंधित वकील और पक्षकारों को पहले से जानकारी नहीं होने से असुविधा होती है। कई बार संबंधित वकील शहर से बाहर होने की वजह से न्यायालय के समक्ष भी असहज स्थिति निर्मित हो जाती है। इस पर तय किया गया कि सभी संबंधितों को निर्देशित किया जाएगा कि आगे से पुलिस अचानक से चालान पेश नहीं करें। चालान पेश करने से पहले संबंधित पक्षकारों और वकीलों को पूर्व सूचना देना अनिवार्य होगा।
अध्यक्ष वर्मा ने बताया कि बैठक में यह निर्णय भी हुआ है कि जिन मामलों में आरोपित पहले से जमानत पर है उनमें उनकी उपस्थिति उस दिनांक तक अनिवार्य नहीं होगी जब उसके खिलाफ चालान पेश होना है। चालान पेश होने तक आरोपित के वकील की उपस्थिति को ही पर्याप्त माना जाएगा। यह निर्णय भी लिया गया कि अब सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया जाए कि वे चालान की नकलें थाने से ही तैयार करवाकर चालान के साथ लाएं। थाना मुंशी पक्षकारों को न्यायालय परिसर में साथ ले जाकर नकल तैयार नहीं करवाएंगे।