Madhya Pradesh Weather Update : digi desk/BHN/ भोपाल/ मौसम प्रणालियों का असर खत्म होते ही प्रदेश में एक बार फिर गर्म पश्चिमी हवाओं ने जोर दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश में रविवार को पूर्वी छोर के एकमात्र जिले मण्डला को छोड़कर सभी जिलों में तापमान में बढ़त दर्ज हुई। मण्डला में तापमान स्थिर रहकर 41.2 डिग्री रहा।
प्रदेश के चार जिलों राजगढ, रतलाम, नौगांव और खंडवा में अधिकतम तापमान 45 डिग्री पर पहुंच गया। इनमें से रतलाम और खंडवा में लू भी दर्ज की गई। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले तीन-चार दिनों तक तापमान में बढ़त का क्रम जारी रहेगा। दक्षिण सागर में बने चक्रवात के तट के नजदीक आने और 11 को पश्चिमी विक्षोभ के हिमालयी सीमा में पहुंचने के बाद बढ़त का क्रम रुकेगा लेकिन तब भी गर्मी से बड़ी राहत मिलने के संकेत नहीं है।
बादल आंशिक थे, नहीं रोक सके सूरज की तपिश
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि, उत्तर-पश्चिमी मप्र में हवा के ऊपरी हवा भाग में एक परिसंचरण बना हुआ है। इसके असर से राजधानी सहित कई जिलों में बादल छाए लेकिन यह आक्टा क्लाउड या आशिंक बादल थे जिन्होंने आसमान के पूरे हिस्से को नहीं ढंका जिसके चलते तपिश बढ़ने का क्रम नहीं रुक सका।
हवाएं हुई पश्चिमी, गर्म हवाओं के असर से बढ़ा तापमान
पश्चिमी विक्षोभ और परिसंचरण का असर ना होने से पूरे प्रदेश में हवाओं की दिशा पश्चिमी हो गई है। राजस्थान और गुजरात से आ रही गर्म हवाओं के असर के चलते सभी जगह तापमान में बढ़त हुई है।
चक्रवात अभी दूर,तट पर टकराए बिना बदलेगा दिशा
दक्षिणी सागर में एक चक्रवात बन गया है जोकि रविवार देर रात तक तीव्र चक्रवात में बदल जाएगा। इसके बाद यह पश्चिमी-उत्तर-पश्चिमी दिशा में चलेगा और 10 मई तक उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी उड़ीसा तट पर पहुंचेगा।हालांकि राहत की बात यह है कि यह है कि तट पार नहीं करेगा।
तट के नजदीक आकर, चलेगा किनारे-किनारे
तीव्र चक्रवात उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी उड़ीसा तट के नजदीक पहुंचने के बाद यह दिशा बदलेगा और तट पार करने के बजाए उडीसा तट की ओर उत्तर पूर्वी दिशा में समुद्र के रास्ते आगे बढ़ेगा। तट के किनारे-किनारे आगे बढ़ने से आंध्र प्रदेश उड़ीसा में उतना नुकसान नहीं पहुंचाएगा जितना लैंड करने पर पहुंचाता। इससे दोनों प्रदेशों में भारी बारिश होगी। झारखंड, छत्तीसगढ़ में असर क्रमश: कम हो जाएगा और मप्र के पूर्वी हिस्सों में असर बेहद कम होकर 11 मई को हल्के बादल के रूप में इसका असर देखने को मिल सकते है।
11 मई को आएगा पश्चिमी विक्षोभ
अगला पश्चिमी विक्षोभ 11 मई को हिमालयी इलाकों में पहुंचेगा। 12 मई से इसका असर दिखेगा। 12 और 13 मई को मैदानी इलाकों में असर दिखेगा और तापमान की बढ़त रुक सकती है और उत्तरी हिस्साें में कुछ जगहों पर बादल के साथ तापमान में बढ़त का क्रम रुक सकता है। हालांकि तापमान में गिरावट आने की उम्मीद नहीं है।