braak obama: वॉशिंगटन/ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी नई किताब के जरिए रोज नए खुलासे कर रहे हैं। हाल ही में राहुल गांधी को अपरिपक्व राजनेता बताने के बाद अब ओबामा ने अपने किताब में कांग्रेस पार्टी की अंदरुनी सियायत को लेकर भी कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं। ओबामा ने अपनी किताब में लिखा है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया था ताकि उन्हें और राहुल गांधी को मनमोहन सिंह से कोई खतरा महसूस नहीं होता था। ओबामा ने कहा कि सोनिया ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया था।
ओबामा ने की मनमोहन की खूब तारीफ
अपनी किताब “ए प्रॉमिस्ड लैंड” में ओबामा ने लिखा है कि प्रधानमंत्री पद पर मनमोहन सिंह के पहुंचने को कई बार जातीय विभाजन पर भारत की जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह बात ठीक नहीं है। ओबामा ने लिखा है कि मनमोहन के प्रधानमंत्री बनने के पीछे असल कहानी से सभी परिचित है। मनमोहन चुनाव के दौरान पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे। यह पद उन्हें तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिया था। उन्होंने लिखा कि बुजुर्ग सिख को इसलिए प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया क्योंकि उनका कोई राष्ट्रीय राजनीतिक आधार नहीं था और वह उनके 47 वर्षीय बेटे राहुल गांधी के लिए कोई खतरा नहीं थे।
सोनिया के बारे में भी लिखा
बराक ओबामा वर्ष 2010 में भारत आए थे। उन्होंने अपनी किताब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित एक रात्रिभोज का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि पार्टी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेता शामिल थे। पार्टी का जिक्र करते हुए ओबामा लिखते हैं कि सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुनने पर गौर कर रही थीं। इसके अलावा बातचीत में वह हर चर्चा को अपने बेटे की तरफ मोड़ देती थीं।
सफल है आधुनिक भारत की कहानी
किताब में ओबामा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात और अनौपचारिक बातचीत का उल्लेख भी किया है। ओबामा ने लिखा कि भारत की अर्थव्यवस्था में बड़े परिवर्तन के मुख्य शिल्पकार मनमोहन थे और वह इस प्रगति गाथा के सही प्रतीक हैं। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने ही भारत में आर्थिक उदारीकरण के द्वार खोले थे।
अलकायदा और पाक सेना में था संबंध
ओबामा ने किताब में जिक्र किया है कि एबटाबाद में लादेन के ठिकाने पर छापा मारने के अभियान में पाकिस्तान को शामिल करने से इन्कार कर दिया था। इसके पीछे वजह यह थी कि पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया सेवा में कुछ लोगों के तालिबान और अलकायदा से संबंध थे। उन्होंने साफ लिखा है कि पाकिस्तान कई बार अफगानिस्तान एवं भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल करते थे। ओबामा ने कहा कि अत्यधिक खुफिया अभियान का तत्कालीन रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स और पूर्व उपराष्ट्रपति एवं मौजूदा निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने विरोध किया था। ओबामा ने अपनी किताब में खुद के कार्यकाल में एबटाबाद में अलकायदा के सरगाना और मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के बारे में भी कई खुलासे किए हैं।