Alwar Temple Demolition: digi desk/BHN/अलवर/ राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ में तीन मंदिरों, 100 से ज्यादा मकानों व दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। जिन तीन मंदिरों पर बुलडोजर चलाया गया है, उनमें शिव परिवार का एक मंदिर करीब 300 साल पुराना है। ड्रिल से निकालने की कोशिश में शिवलिग का कुछ हिस्सा टूट गया। अन्य मूर्तियों की भी बेकद्री करते हुए कचरे में डाल दिया गया। इसको लेकर भाजपा ने जहां कांग्रेस सरकार व अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं अशोक गहलोत सरकार ने कहा है कि इसके बारे में नगर पालिका ने निर्णय लिया था। सरकार ने मामले की जांच के भी निर्देश दिए हैं। वहीं शनिवार सुबह भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मौके पर पहुंचा। मंदिर में सुबह से पूजा पाठ हो रहा है।
बता दें, भाजपा ने शिव मंदिर को तोड़े जाने की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद की अध्यक्षता में गठित भाजपा कमेटी तीन दिनों में राजगढ़ का दौरा कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपेगी।
पूरा घटनाक्रम
दरअसल, भाजपा शासित राजगढ़ नगर पालिका के फैसले पर गत दिनों कार्रवाई की गई थी, लेकिन बृज भूमिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने इस बारे में राजगढ़ के कांग्रेस विधायक जौहरीलाल मीणा, उपखंड अधिकारी केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी बीएल मीणा के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी। इसमें उन्होंने मंदिर तोड़े जाने को लेकर साजिश करने का आरोप लगाया। इसके बाद यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया। हालांकि, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। उधर, मामला तूल पकड़ा तो स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजगढ़ नगर पालिका में भाजपा बहुमत में है। सभापति और 34 पार्षद भाजपा के हैं। कांग्रेस का एकमात्र पार्षद है। पालिका ने प्रस्ताव पारित कर मंदिर, मकान और दुकान तोड़ने का निर्णय लिया था। इसमें राज्य सरकार का कोई सरोकार नहीं है। मामले में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी बीएल मीणा को नोटिस देकर तीन दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। सरकार अपने स्तर पर भी जांच करवा रही है। जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी। नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिह खाचरियावास ने कहा कि अगर लोग चाहेंगे तो सरकार दूसरी जगह मंदिर का निर्माण करवाएगी।
उधर, भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंदिर को तोड़कर गहलोत सरकार ने हिंदूओं की भावनाओं को आहत किया है। मुख्यमंत्री औरंगजेब और बाबर की राह पर हैं। इस मामले में कांग्रेस द्वारा नगर पालिका पर लगाए जा रहे आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि आठ फरवरी, 2022 को पालिका गौरव पथ योजना के संदर्भ में प्रस्ताव लेकर आई थी। इसके तहत सड़क पर स्थित मंदिर न टूटे, इसलिए सड़क की चौड़ाई 60 के बजाय 30 फीट करने की बात कही गई थी। जरूरत पड़ने पर साक्ष्य स्वरूप पालिका की साधारण सभा की बैठक के मिनट्स दिखाए जा सकते हैं। मास्टर प्लान को मंजूरी भी कांग्रेस सरकार ने दी है। ऐसे में गलती सरकार की है। राजगढ़ भाजपा के मंडल अध्यक्ष सत्येन्द्र सैनी ने देर शाम एक बयान में कहा कि अधिशासी अधिकारी ने पालिका की ओर से पारित प्रस्ताव के अनुरूप कार्रवाई नहीं की। उन्होंने तोड़फोड़ गलत की है। उधर, भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि पालिका व अधिकारियों ने गलती की है। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वह रात साढ़े दस बजे के करीब थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे। मंदिर के महंत प्रकाश दास भी मामला दर्ज कराना चाहते हैं । वह भी मीणा के साथ हैं।