सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़। गांजा व शराब के अंर्तराज्यीय तस्कर जस्सा को जेल की सलाखों के पीछे डालने के बाद पुलिस इस बात से निश्चिन्त हो गई थी कि जिले में गांजा एवं शराब की तस्करी पर रोक लग जाएगी, परन्तु तस्करों ने जगह जगह मादक पदार्थों की डिलवरी करने का नया तरीका ढूंढ लिया। अब वे बाणसागर के पानी की अथाह गहराइयों को तस्करी का माध्यम बना रहे हैं। जस्सा की गिरफ्तारी व पुलिस की लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद सतना पुलिस यह कयास लगाकर बैठ चुकी थी कि अब जिले में मादक पदार्थो की तस्करी में रोक लगेगी। बीते कुछ दिनों से कार्रवाई भी चुटपुट ही सामने आ रही थी। पुलिस को भी लगा कि नशे के विरुद्ध उसने बड़ी जंग जीत ली है लेकिन सच्चाई यह नहीं थी। माना कि जस्सा बड़ा तस्कर है और सलाखों के पीछे धकेल दिए जाने के बाद से सतना में नशे का कारोबार थम जाने के कयास लगने लगे पर देर रात पुलिस का यह भ्रम तब टूट गया जब जानकारी लगी कि सतना में पानी के रास्ते भी मादक पदार्थो के अलावा शराब की तस्करी डंके की चोट पर की जा रही है। सतना की रामनगर पुलिस ने शराब तस्करों के कब्जे से 52 पेटी अवैध शराब का जखीरा जब्त किया है। हालांकि तस्करों को धर दबोचने में पुलिस कामयाब नही रही, पर इस बात से पर्दा उठ गया कि महज जस्सा के जेल जाने से सतना में नशे के कारोबार में फुल स्टाप नहीं लगा। फिलहाल रामनगर पुलिस के कब्जे में एक आरोपी व 52 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब है।
पुलिस का दावा है कि रामनगर थाने को बड़ी कामयाबी मिली है, हालांकि इसके पीछे भी कई बातें सामने आ रही हैं जब्त स्टाक को लेकर भी तमाम तरह की बातें हैं।
पुलिस के मुताबिक थाना रामनगर पुलिस को सुबह मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के अन्तर्गत मार्कण्डेय के जंगल के पास शहडोल तरफ से बोट द्वारा भारी मात्रा में देशी एवं अंग्रेजी शराब की तस्करी हो रही है। जिसे एक पिकअप वाहन द्वारा ले जाया जायेगा, पुलिस को मिली इस सूचना पर तत्काल रामनगर पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हुई और थाना क्षेत्र के ग्राम सेमरिया के पास पहुंचकर घेराबंदी की तो एक फोर्स पिकप वाहन क्र. एमपी 19जीए/2638 में चालक राजेश कुमार पटेल पिता तीरथ प्रसाद पटेल उम्र 40 वर्ष निवासी बाबूपुर व उसके अन्य 2-3 साथी सवार थे लेकिन पुलिस को देख आरोपी भागने लगे, केवल वाहन चालक गिरफ्त में आया है।
जंगल की तरफ भागे आरोपी
सूत्रों के मुताबिक रामनगर पुलिस द्वारा रेड कार्रवाई करने पर पुलिस को देखते ही चालक व उसके अन्य तस्कर साथी वाहन से उतरकर जंगल की तरफ भागने लगे तब वाहन चालक व वाहन में लोड शराब पुलिस की गिरफ्त में आ गई जबकि चालक के अन्य 2-3 साथी जंगल की तरफ भाग गए। आरोपी समेत जब्त की गई शराब पर रामनगर पुलिस ने अपराध क्र. 325/2020 धारा 34(2) आबकारी एक्ट कायम कर विवेचना में लिया है।
पुलिस ने भले ही 52 पेटी शराब जब्त कर लाखों के मशरुका होने की बात कह रही है पर आरोपियों के नाम पर महज ड्राइवरों की गिरफ्तारी हो सकी है जबकि यह शराब कहां से आती थी, खेप कहां जानी थी? इसके पीछे सबसे बड़ा तस्कर कौन है इसकी पतासाजी तो तब होती जब शराब परिवहन कर रहे तस्करों को भी पुलिस दबोच पाती क्योंकि पुलिस को केवल ड्राइवर हाथ लगा है जो भाड़े का भी हो सकता है।
बाणसागर की शरण मे तस्कर विभागीय सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि रामनगर क्षेत्र में बाणसागर जैसे समुद्र के रास्ते उमरिया, शहडोल व अन्य पड़ोसी जिलों से शराब व मादक पदार्थो की तस्करी व्यापक पैमाने पर की जा रही है। इसकी शिकायत भी पुलिस को कई बार मिल चुकी है लेकिन संजीदगी न बरतने पर नशे के कारोबारी आज भी पुलिस के शिकंजे से बाहर हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर बाणसागर की पनाह में ये तस्कर कब से हैं और नशे का कारोबार कब से पानी की अथाह गहराइयों से पनप रहा है।