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Spiritual: दुर्गाष्टमी पर क्यों की जाती है महागौरी की पूजा? जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजन विधि

Durga Ashtami 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना व पूजन किया जाता है। महागौरी को भगवान गणेश की माता के रूप में भी जाना जाता है। अष्टमी को महागौरी को प्रसन्न करने से लंबोदर सहित सभी देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भक्त हवन और कन्या पूजन करते हैं। इस बार 9 अप्रैल, शनिवार को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है।

महागौरी की पूजा का महत्व

मान्यता है कि अगर जन्म कुंडली में विवाह से संबंधित परेशानिया है। तब अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है। महागौरी की उपासना से मनपसंद जीवनसाथी व जल्द विवाह संपन्न होता है। माता, कुंवारी युवतियों से प्रसन्न होकर मनचाहा पति प्राप्त होने का वरदान देती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी के विवाह में विलंब हो रहा है। तब वह भगवती की पूजा-अर्चना करें। शीघ्र की लगन कार्य संपन्न होगा।

कैसा है मां गौरी का स्वरूप

माता के आठवें स्वरूप महागौरी की 4 भुजाएं हैं। वे अपने एक साथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं। उनका दूसरा हाथ अभय मुद्रा में हैं। तीसरे हाथ में डमरू और चौथा हाथ वर मुद्रा में हैं। मां का वाहन वृष है।

महागौरी की पूजन विधि

अष्टमी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर साफ व स्वच्छ वस्त्र धारण करें। लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें। हाथ में श्वेत फूल लेकर मां का स्मरण कर व्रत करें। ध्यान के बाद माता के चरणों में पुष्प अर्पित करें। यंत्र सहित मां भगवती का पूजन कर दूध से बने मिठाई का भोग लगाएं। दुर्गाष्टमी व्रत में छोटी कन्याओं को भोजन कराएं।

महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त

तिथि (उदया)- शनिवार, 09 अप्रैल 2022

अष्टमी प्रारंभ तिथि – 08 अप्रैल 2022, रात 11.05 बजे

अष्टमी समाप्ति तिथि – 10 अप्रैल 2022, दोपहर 01.23 बजे तक

महागौरी को प्रसन्न करने का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

 

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