Income Tax Raids: digi desk/ भोपाल/ प्रदेश के शकर और खाद्य तेल के कारोबारियों के यहां मंगलवार को आयकर विभाग ने कर चोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई की। जबलपुर, नरसिंहपुर और भोपाल में एक साथ 16 ठिकानों पर की गई छापेमारी में करोड़ों रुपये की कर चोरी के प्रमाण मिले हैं। तेल के कारोबार से जुड़े भरत चिननानी और सुरेश हथवानी के घर, कार्यालय और गोदाम पर टीम ने छापे मारे। इसके साथ ही भोपाल और नरसिंहपुर में महाकौशल शुगर मिल के संचालक नवाब रजा की मिल और भोपाल स्थित घर पर भी कार्रवाई की गई।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि कारोबारियों द्वारा बोगस कंपनी बनाकर कर चोरी की बात भी जांच में सामने आई है। जितनी बिक्री दिखाई जा रही थी, उससे अधिक राशि जमा हो रही थी। भोपाल में महाकौशल शुगर मिल के संचालक नवाब रजा के कोहेफिजा स्थित घर पर कार्रवाई की गई।
दस्तावेजों की पड़ताल में पता चला है कि किसानों के नाम करोड़ों रुपये की उधारी खाते में डाल दिए। बड़ी मात्रा में स्वर्ण आभूषण भी मिले हैं। दस्तावेज, कंप्यूटर आदि को जब्त कर छानबीन की जा रही है। छापे की कार्रवाई में भोपाल और जबलपुर के 120 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। जांच में फिलहाल बेनामी संपत्ति होने की बात सामने आई है। कर बचाने के लिए अपने नौकरों के नाम से बिल जारी करने का मामला भी सामने आया है।
नरसिंहपुर में 22 अधिकारियों ने दी दबिश
छह वाहनों में सवार करीब 22 अधिकारी सुबह छह बजे एक साथ नरसिंहपुर जिले के बचई गांव स्थित महाकौशल शुगर मिल पहुंचे। मिल से टीम ने सभी दस्तावेज, बहीखाता और कम्प्यूटर को जब्त कर जांच की। इसके बाद लेखा विभाग के दस्तावेज, गन्नाा खरीदी के हिसाब-किताब के साथ भुगतान मिल में लगे वाहनों और शकर उत्पादन आदि से संबंधित दस्तावेजों को भी कब्जे में ले लिया। नरसिंहपुर के स्टेशनगंज क्षेत्र स्थित महाकौशल शुगर मिल के कंसल्टेंसी दफ्तर में दल ने पहुंचकर कार्रवाई की।
जबलपुर में 30 अधिकारियों ने की जांच
शहर में भी जांच दल के लगभग 30 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारियों ने दोनों कारोबारियों भरत चिननानी और सुरेश हथवानी के दस्तावेजों की जांच की। नौ वाहनों में शहर के अलग-अलग ठिकानों पर खड़े अधिकारियों ने भोपाल से मिले निर्देश के बाद ही कटंगा, गुर्दी में दोनों के घर, कार्यालय और गोदाम में छापे मारे। जांच के दौरान बोगस कंपनी बनाकर कर कर चोरी की बात सामने आई।
डमी कंपनियां बनाकर की करोड़ों की हेराफेरी
जांच टीम को मौके से कई अहम दस्तावेज, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क से लेकर कई तोला सोना-चांदी के आभूषण भी मिले हैं। इनकी खरीदी से जुड़े दस्तावेजों को भी जांचा जा रहा है। बताया जाता है कि कई ऐसे दस्तावेज जांच टीम को मिले, जिसमें भरत और सुरेश ने दो नंबर पैसा एक नंबर में करने के लिए ऐसी डमी कंपनियां बनाई। इसमें कई ऐसे लोगों के नाम भी जोड़े, जो सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहे।
वहीं कर चोरी करने से जुड़े दस्तावेजों में करोड़ों की हेराफेरी भी सामने आई है। मिल से पकड़े गए थे सिमी के संदिग्ध महाकोशल शुगर मिल अपनी स्थापना काल से ही विवादित रही है। वर्ष 2008 के अप्रैल माह में मिल परिसर से राजस्थान पुलिस ने सिमी के संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया था। तब इस प्रकरण में खूब हल्ला मचा पर राजनीतिक रसूख के चलते प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया।
इसके अलावा नवाब रजा की पृष्ठभूमि को लेकर भी अक्सर सवाल उठते रहे हैं। यह कि करीब 25-30 साल पहले तक पुलिस में बतौर सिपाही कार्यरत नवाब रजा अचानक अरबपति कैसे बन गया।