सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में उपभोक्ता संरक्षण की कार्यशाला आयोजित कर उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी गई। इस मौके पर जिला उपभोक्ता फोरम की सदस्य सावित्री सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह, उपभोक्ता संगठन के सुरेश अग्रवाल, नापतौल अधिकारी दिलीप जड़िया, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभिषेक गोंड़ भी उपस्थित रहे।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने उपभोक्ताओं को विश्व उपभोक्ता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए व्यापक अधिकार और उल्लंघन पर कठोर प्रावधान किए गए हैं। उपभोक्ताओं को अपने हितों के संरक्षण के लिए जागरूक रहना चाहिए। जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य ने बताया कि उपभोक्ता फोरम को अब आर्थिक क्षेत्राधिकार के तहत एक करोड़ रुपए तक के मामले सुनने के अधिकार दिए गए हैं। पहले यह सीमा 20 लाख रुपए तक निर्धारित थी। विक्रेता को दोषी पाए जाने पर दाण्डिक प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। ऑनलाइन खरीदी-विक्रय के संबंध में भी उपभोक्ता फोरम शिकायतें सुनता है। यदि उपभोक्ता जिला फोरम के निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह 45 दिवस के भीतर राज्य उपभोक्ता आयोग को अपील कर सकता है। उपभोक्ता फोरम की सदस्य सावित्री सिंह ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि उपभोक्ता अपनी शिकायत 14404 या 1800-11-4000 (टोल-फ्री) नंबर पर भी दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अब परिवादी जहां निवास करता है, उस जिले से भी अपनी शिकायत अनावेदक के विरुद्ध करा सकता है। उपभोक्ता फोरम में 5 लाख रूपये तक के मामले में कोई भी फीस या स्टॉम्प चार्जेज नहीं लगते हैं।
नापतौल अधिकारी दिलीप जड़िया ने बताया कि संस्थान एवं विक्रेता दुकानों में नापतौल के सभी प्रकार के उपकरण सत्यापित होने चाहिए। विभाग द्वारा समय-समय पर कैंप लगाकर नापतौल के उपकरणों का सत्यापन कर सील लगाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभिषेक गोंड़ ने बताया कि खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने वाले खाद्य पदार्थों को ही उपभोक्ता क्रय करें। एफएसएसएआई का लोगो और डेट ऑफ एक्सपायरी कोई भी खाद्य पदार्थ खरीदते समय अवश्य देखें। चलित प्रयोगशाला में 10 रूपये की शुल्क देकर कोई भी व्यक्ति खाद्य नमूनों की जांच करा सकता है।