छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ खजुराहो नृत्य महोत्सव की दूसरी शाम सोमवार को पश्चिमी मंदिर समूह परिसर में बने चंदेल कालीन कंदारिया महादेव और जगदम्बी मंदिर की अनुभूति के बीच बने मुक्ताकाशी मंच पर कुचिपुड़ी में की गणेश वंदना, भरतनाट्यम में हरिहर नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
मप्र शासन संस्कृति विभाग के उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस शुभारंभ कार्यक्रम में सोमवार को पहली प्रस्तुति जयरामा राव और टी रेड्डी लक्ष्मी, विदुषी, संगीता, संजना, रेशमा, तानिया, हासना व वैष्णवी द्वारा कुचिपुड़ी समूह नृत्य के रूप में की गई। जिसकी शुरुआत गणेश वंदना से हुई। इसके बाद जयरामा राव द्वारा भक्त प्रह्लाद व हिरण्यकश्यप पर आधारित प्रसंग का वर्णन नृत्य की विधाओं से किया, भगवान कृष्ण की काली मर्दन लीला का प्रसंग दिखाया गया। स्वर पल्लवी राग में अभिनय को ढालकर पीतल की थाली पर नृत्य किया गया। निरूपमा व राजेन्द्र द्वारा भरतनाट्यम नृत्य में हरिहर नृत्य की प्रस्तुति दी।जिसमें भगवान शिव और विष्णु के लक्षणों का गुणगान किया गया। तीसरी प्रस्तुति विमानयान के रूप में की गई। जिसमें कालिदास कृत रघुवंश महाकाव्य में निहित एक प्रसंग को नृत्यरूप से साकार किया गया।
इसी तारतम्य में सुजाता महापात्र ने ओडिसी नृत्य की शानदार प्रस्तुति की। वहीं जयरामा राव एवं साथियों ने कुचिपुड़ी नृत्य से देव आराधना का मंच पर साकार कर दिया। बताया गया है कि समारोह के तीसरे दिन 22 फरवरी को नीना प्रसाद त्रिवेंद्रम द्वारा मोहिनीअट्टम, पार्श्वनाथ उपाध्याय बेंगलुरु द्वारा भरतनाट्यम समूह और टीना तांबे मुंबई द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी क्रम में सोमवार को खजुराहो नृत्य समारोह के कार्यक्रमों के अंतर्गत आयोजित नेपथ्य में पारंपरिक कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिसके ग्रुप लीडर पं. सीताराम मिश्रा दिल्ली द्वारा उत्तर पारा घराना के तबला वादक, रामप्रकाश मिश्र व मुकेश मिश्र कथककार ने अपने कलाकारों द्वारा कथक नृत्य के माध्यम से भगवान मतंगेश्वर महादेव की आराधना और स्तुति की प्रस्तुति दी गई।