Guru Asta 2022: digi desk/BHN/भोपाल/ मकर संक्रांति के बाद मांगलिक कार्य शुरु होते हैं। हालांकि अब कुछ समय के लिए इन पर रोक लगने वाली है। अब फरवरी में विवाह के लिए 18 से 20 फरवरी, सिर्फ तीन शुभ मुहूर्त है। इसके बाद करीब डेढ़ महीने के लिए शादी, गृहप्रवेश, मुंडन सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। 24 फरवरी से बृहस्पति ग्रह अस्त हो जाएंगे। देवगुरु को मांगलिक कार्यों का कारक माना जाता है। शुभ काम को संपन्न कराने के लिए गुरु का उदय होना जरूरी है। अब 15 अप्रैल के बाद ही शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।
24 मार्च तक अस्त रहेंगे गुरु
देवगुरु 24 फरवरी से 24 मार्च के बीच अस्त रहेंगे। इस एक महीने में कोई शुभ कार्य नहीं होगा। फिर होलाष्टक लग जाएगा। उसके बाद सूर्य देव के मीन मलमास शुरू हो जाएंगे। इस कारण 15 अप्रैल तक शुभ कार्यों पर रोक रहेगी। 4 मार्च को फुलेरा दूज होने की वजह से उस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। इससे अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते हैं।
कैसे ग्रह अस्त होता है
13 फरवरी 2022 को सूर्य राशि परिवर्तन कर मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर कर रहे है। बृहस्पति पहले से कुंभ राशि में हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव किसी ग्रह के करीब आता है। तब उस ग्रह की शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। इसे ही ग्रह का अस्त होने कहा गया है। इस तरह सूरज के करीब आने से देवगुरु भी अस्त हो जाएंगे। बृहस्पति को शास्त्रों में शुभ कार्यों का प्रतीक माना गया है। ऐसे में उनके अस्त होते ही शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी।
मीन और धनु राशि के स्वामी है गुरु
देवगुरु को धनु और मीन राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। जब बृहस्पति अस्त होंगे, तब इन राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में इन राशियों को गुरु से संबंधित उपाय करने चाहिए। हर गुरुवार को व्रत रखें। चने की दाल, गुड़ आटे की लोई गाय को खिलाएं।