Aadhaar not mandatory to register on cowin 1 out of 9 documents is sufficient: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण की खातिर “कोविन” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ को बताया कि टीकाकरण के लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड, राशन कार्ड सहित नौ पहचान दस्तावेज में से एक का ही होना अनिवार्य है।
शीर्ष अदालत ने इस कथन पर गौर किया और सिद्धार्थशंकर शर्मा की याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका में दावा किया गया था कि “कोविन” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की खातिर आधार कार्ड पर अनिवार्य रूप से जोर दिया जा रहा है।
पीठ ने कहा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि जिनके पास पहचान पत्र नहीं हो सकते हैं, उनके लिए भी प्रविधान किए गए हैं। इनमें जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों के लोग आदि शामिल हैं। अदालत ने कहा, केंद्र के अधिवक्ता ने बताया है कि बिना पहचान पत्र वाले लगभग 87 लाख लोगों को टीके लगाए गए हैं।
याचिकाकर्ता की शिकायत है कि उसे आधार कार्ड नहीं होने के कारण टीकाकरण से वंचित कर दिया गया था। इस समस्या का भी हलफनामे में निपटारा किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को संबंधित निजी टीकाकरण केंद्र के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है, जिसने वैध पासपोर्ट आइडी होने के बावजूद याचिकाकर्ता को टीका लगाने से इन्कार कर दिया था।
कोरोना वैक्सीन की 170 करोड़ डोज लगाई गईं
तीसरी लहर को बेकाबू होने से रोकने में टीकाकरण की अहम भूमिका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन में यह साफ हो गया है कि टीके भले ही संक्रमित होने से नहीं बचा सकें, लेकिन ये बीमारी को गंभीर होने और मौतों को रोकने में बहुत ज्यादा प्रभावी हैं। देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 170.11 करोड़ डोज लगाई गई हैं। 90 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क आबादी को अब तक वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है और 73 करोड़ से ज्यादा लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। कमजोर प्रतिरक्षा वालों के लिए सतर्कता डोज लगाई जा रही है और अब तक 1.45 करोड़ सतर्कता डोज लगा दी गई है।