Restrictions will remain but there will be no full lockdown in india know what is the strategy: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात उन बड़े राज्योॆं में शामिल हैं जहां कोरोना की तीसरी लहर के बाद पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। नाइट कर्फ्यू के बाद वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया है। स्कूल बंद कर दिए गए हैं। ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। दिल्ली जैसे उच्च संक्रमण दर वाले राज्यों में निजी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं या 50 फीसदी अनुमति
के साथ ही खुले रहेंगे। रेस्त्रां और बार 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले रहेंगे। शादी और अंतिम संस्कार में भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं होगी। कुल मिलाकर पाबंंदियां लगाई जा रही हैं, लेकिन सम्पूर्ण लॉकडाउन (Full Lockdown) नहीं लगेगा। जानकारों के मुताबिक, अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के बयानों से यही संकेत मिले हैं। यहां जानिए क्या है सरकारों की रणनीति
कोरोना की तीसरी लहर में नहीं लगेगा लॉकडाउन
केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों की रणनीति है कि इस बार सख्तियां बरती जाएं, लेकिन लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। सरकारों का साफ मत है कि लॉकडाउन का मतलब होगा अन्य कई तरह की परेशानियों को न्योता देना। लॉकडाउन लगाने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर तो पड़ेगा ही, रोजगार का संकट पैदा होगा। गरीब और मजदूर वर्ग को परेशानियां उठाना पड़ेंगी। यही कारण है कि लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है। सरकारों को उम्मीद है कि जल्द ही तीसरी लहर का पीक आएगा और इसके बाद मरीजों की संख्या तेजी से घटनाा लगेगी।
WHO भी कह चुका, लॉकडाउन नहीं है इलाज
इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन का बयान आया है। सौम्या स्वामीनाथन का साफ कहना है कि लॉकडाउन समाधान नहीं है। उनके मुताबिक, कोरोना संक्रमण और इसके अलग-अलग वेरिएंट्स को लेकर अब दुनिया में समझ पैदा हो गई है। वैज्ञानिकों को पता है कि इस बीमारी का सामना कैसे करना है। लोग भी जागरूक हुए हैं। इस कारण लॉकडाउन नहीं लगना चाहिए।
जारी रहेंगी ये पाबंदियां
- – जहां संक्रमण दर अधिक है, वहां ऑनलाइन स्कूल जारी रहेंगे। हो सकती है कि परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही हों। पढ़ाई में नुकसान हुआ तो सिलेबस घटाया जा सकता है।
- – दफ्तर चलते रहेंगे, लेकिन जिन क्षेत्रों में पॉजिटिविटी रेट अधिक है, वहां 50 फीसदी क्षमता की पाबंदी लग सकती है। जहां वर्क फ्रॉम होम संभव है, वहां कर्मचारियों को इसकी अनुमति देना होगी।
- – बाजार खुले रहेंगे, लेकिन मास्क अनिवार्य होगा। मास्क नहीं लगाने पर चालान कटेंगे।
- – बार और रेस्त्रां बंद रहेंगे या 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले रहेंगे। टेक अवे की सुविधा पर जोर रहेगा।