Health ministry revised discharge policy with severity categorised into mild and moderate cases of covid: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के मसले पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि कोविड-19 की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक के बाद हमने कोविड के हल्के और मध्यम मामलों के साथ अपनी डिस्चार्ज नीति को संशोधित किया है।
लव अग्रवाल (Lav Agarwal Joint Secretary Health Ministry) ने कहा कि माइल्ड केस वाले मरीजों को कम से कम सात दिनों में डिस्चार्ज किया जाएगा। ऐसे मामलों में डिस्चार्ज से पहले किसी कोविड-19 जांच की जरूरत नहीं है। माडरेट मामलों में यदि इलाज से लक्षण खत्म होने लगते हैं और रोगी लगातार तीन दिनों तक मेडिकल आक्सीजन के बिना खुद को ठीक पाता है तो ऐसे मरीजों को छुट्टी दे दी जाएगी।
लव अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक कोविड रोधी वैक्सीन की 153 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं। 86.62 करोड़ लोगों को पहली डोज, 64.19 करोड़ लोगों को दोनों डोज और 18.86 लाख लोगों को प्रीकाशन डोज दी जा चुकी है।
लव अग्रवाल ने कहा कि पूरे विश्व में काफी अधिक संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। 159 देशों में मामले बढ़ रहे हैं। यूरोप के आठ देशों में पिछले दो सप्ताह में दो गुना से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 9,55,319 के करीब है। पिछले सप्ताह पूरे विश्व में रोजाना औसत 25,13,144 मामले सामने आए हैं।
Vaccine की दोनों डोज लेने के बाद अब Booster लगवाना हमारे लिए कितना जरूरी?
एक बार फिर देश में Coronavirus के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटों में लगभग 1.80 लाख नए मामले सामने आए और नए वेरिएंट Omicron के मरीजों की संख्या 4000 के पार हो चुकी है। समय-समय पर जिस तरह से कोरोना का प्रभाव देखने को मिल रहा है, उससे तो यह साफ है कि अगले कुछ सालों तक यह लोगों की जिंदगी से जाने वाला नहीं है। इसकी वजह यह है कि vaccine लगवाने के बाद लोग इस बात को लेकर निश्चिंत हो गए हैं कि “उन्हें अब कुछ नहीं होने वाला। अब वह बिना मास्क और Social Distancing के नियमों को मानें कुछ भी कर सकते हैं।”
यह तथ्य स्वीकार्य है कि Vaccination के बाद कोरोना से मौत का खतरा बहुत कम होता है। लेकिन शरीर पर संक्रमण का प्रभाव रहेगा, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। इसलिए हमेशा आपके पास वैक्सीन रूपी सुरक्षा कवच रहना चाहिए। तीसरी लहर और उभरते ओमिक्रॉन वेरिएंट की चिंताओं के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 25 दिसंबर को वैक्सीन की ‘एहतियाती खुराक’ (precautionary dose) यानी बूस्टर डोज देने की घोषणा की थी।
लोगों के मन में एक सवाल और है कि तीसरी डोज यानी Booster क्या कोई अलग वैक्सीन होगी? इसका जवाब है, नहीं। आपको बूस्टर के रूप में वही वैक्सीन लगाई जाएगी, जिसकी आपने पहले दोनों डोज ली हुई थीं। अगर आपने 9 महीने पहले कोविशील्ड की डोज ली हुई थी तो आपको कोविशील्ड लगाई जाएगी और अगर आपने कोवैक्सिन ली हुई थी, तो आपका बूस्टर भी इसी वैक्सीन का होगा। हालांकि, बूस्टर शॉट के रूप में मिक्स डोज पर भी विचार किया जा रहा है। कोरोना की वर्तमान स्थिति हर किसी को डरा रही है क्योंकि लोग बार-बार के लॉकडाउन, कर्फ्यू लगने, स्कूल-कॉलेज, ऑफिस-मार्केट के बंद होने से काफी परेशान हैं, लोग ट्रैवल नहीं कर पा रहे हैं। लोगों के मन में कई सवाल उभर रहे हैं कि क्या हमारी ऐसी ही जिंदगी चलने वाली है?