PM modi security lapse important hearing in supreme court read the case so far: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई सुरक्षा में चूक पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट रिटायर्ड जज की निगरानी में एक जांच कमेटी का गठन करेगा। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों ने सनसनखेज खुलासे किए हैं। वकीलों का कहना है कि उन्हें खालिस्तान के नाम पर धमकियां मिल रही हैं और केस वापस लेने के लिए कहा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, उन्हें यूके से एक कॉल आया जो रिकॉर्डेड था। इसमें कहा गया कि खालिस्तान ने ही प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को रोकने की साजिश रची थी। साथ ही धमकी दी गई कि वे इस केस को न लड़ें। विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, ऐसी धमकियां कुछ और वकीलों को भी मिली हैं। वहीं बार एसोसिएशन ने भी इसकी पुष्टि की है। मामला गृह मंत्रालय तक पहुंचाया गया है और जांच की मांग की जा रही है।
जानिए कौन-कौन हो सकता है सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी में
इस कमेटी में रिटायर्ड जज के साथ ही आईबी, एनआईए के अधिकारी होंगे और पीएम के ट्रेवल दस्तावेज सुरक्षित रखने वाले पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्टार भी हो सकते हैं। चंडीगढ़ के डीजीपी को शामिल किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से बताया गया कि केंद्र सरकार ने कई अधिकारियों से पूछताछ की है, नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न कार्रवाई की जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि जब केंद्र ने सबकुछ तय ही कर लिया है तो हम यहां सुनवाई क्यों कर रहे हैं। इसके बाद केंद्र सरकार इस पर राजी हो गई कि वह आगे कोई कदम नहीं उठाएगी। यानी केंद्र और पंजाब सरकार की बनाई कमेटी अभी कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
क्या हुआ था पिछली सुनवाई में
पिछली सुनवाई में देश की सबसे बड़ी अदालत ने पीएम मोदी के उस दौरे की सभी डिटेल्स को सुरक्षित रखने को कहा था। यह काम पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को सौंपी गई थी। साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि पंजाब सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं, ऐसे में उसकी बनाई जांच कमेटी से कैसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद की जा सकती है। पूरे मामले में केंद्र और राज्य सरकारें आमने-सामने हैं।