The sword of arrest hangs on suspended ips gp singh supreme court dismisses the petition: digi desk/BHN/रायपुर/ छत्तीसगढ़ के निलंबित पुलिस अधिकारी जीपी सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई से इनकार कर दिया। जीपी सिंह ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। अब उनके सामने सरेंडर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद से रायपुर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक चीफ जस्टिस ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने हाईकोर्ट में गिरफ्तार पर रोक और जांच पर स्टे न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जीपी सिंह के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता यूआर ललीत उनका पक्ष रखने वाले थे। इस दौरान अधिवक्ताओं के दल में दिवंगत भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी शमिल थीं। सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी सुनवाई को लेकर खड़े हुए। लेकिन सीजेआइ ने अधिवक्ता रोहतगी को सुना भी नहीं और याचिका खारिज कर दी।
मालूम हो कि इसके पहले जीपी सिंह ने अपने खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति के मामले में एसीबी केस में उन्होंने याचिका लगाई थी। भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में हुई सुनवाई में विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल ने सभी तर्कों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी थी।