CM shivraj said will fight the third wave of corona in mp addressing the crisis management committee members: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रधानमंत्रीजी के कुशल नेतृत्व में हम सब मिलकर तीसरी लहर से मुकाबला करेंगे और इसके लिए सबसे पहले जिला, विकासखंड, पंचायत और वार्ड स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को पूरी ताकत से सक्रिय होना पड़ेगा।मुख्यमंत्री जिला, विकासखंड व ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गांव और वार्ड में अगर होम आइसोलेशन होता है तो ऐसे मरीजों पर नजर रखनी पड़ेगी कि वह नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं और हमें उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी लेनी पड़ेगी। कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन सुनिश्चित करना पड़ेगा।
शिवराज ने कहा कि ग्राम स्तरीय, पंचायत स्तरीय और वार्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों से मैं निवेदन करना चाहता हूं कि खांसी, सर्दी, जुकाम और हल्के बुखार को गंभीरता से लें। ऐसे लक्षण हैं तो तुरंत उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कराएं। हमें नजर रखनी पड़ेगी कि कोई यह छुपाए नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने कोविड की पहली लहर का मुकाबला किया और दूसरी लहर से भी हम लड़े हैं। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का ही कमाल है कि देश में टीके के 140 करोड़ डोज़ लग चुके हैं।
सीएम ने कहा कि 15 से लेकर 18 वर्ष तक के बेटे-बेटियों का वैक्सीनेशन युद्ध स्तर पर कराना है। आप टारगेट बना लो कि हम ऐसे सभी बच्चों का टीकाकरण कराकर ही चैन की सांस लेंगे। खोज-खोजकर सभी बच्चों का टीकाकरण पूरा कराना है।
शिवराज ने कहा कि अस्पतालों में बेड, दवाइयां, उपकरण और ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उपकरणों को जांच परख लें कि वह चालू हालत में हैं या नहीं। कम से कम 1 महीने की आवश्यकता के मुताबिक दवाओं और उपकरणों की व्यवस्था रखें।कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर विशेष रूप से ध्यान दें। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। मामूली लक्षण वाले मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखें। अंतरराज्यीय आवागमन की निगरानी विशेष तौर पर करें।
सीएम ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटर और अस्पताल की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखें। जिला स्तर पर टेस्ट बढ़ाने होंगे। हर जिले में कम से कम एक कोविड केयर सेंटर तत्काल रूप से प्रारंभ करना है। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज को वहां भर्ती कराया जा सके।