Court in jabalpur said illegal weapons are very dangerous for the society: digi desk/BHN/जबलपुर/अदालत ने तल्ख टिप्पणी में साफ किया कि अवैध हथियार रखना समाज के लिए अत्यंत घातक है। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी आदिल अहमद खान की अदालत ने अवैध कट्टा सहित पकड़े गए आरोपित जबलपुर निवासी तामन सिंह को दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भगवान दास पटेल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आठ फरवरी, 2012 को बेलखेड़ा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपित हिरन नदी के किनारे किसी वारदात को अंजाम देने की मंशा से अवैध कट्टा लेकर घूम रहा है। लिहाजा, अविलंब दबिश दी गई। मौके पर आरोपित को अवैध कट्टा सहित गिरफ्तार कर लिया गया। इसी के साथ उसके खिलाफ अपराध कायम कर लिया गया। अदालत ने दोष सिद्ध पाकर सजा सुना दी।
परीक्षा भी हो गई, अब नहीं मिल सकती कोई राहत
हाई कोर्ट ने सिविल जज परीक्षा के उम्मीदवार की याचिका इस टिप्पणी के साथ निरस्त कर दी कि अब मुख्य परीक्षा भी हो चुकी है। ऐसे में कोई राहत नहीं दी जा सकती। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान याचिकाकर्ता मोहम्मद आजिमी खान की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र तिवारी ने पक्ष रखा। जबकि राज्य की ओर से शासकीय अधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह खड़े हुए। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि वह उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल हुआ था। कुल 47 पदों के लिए रिक्तियां निकाली गई थीं। याचिकाकर्ता ने परिणाम से संतुष्ट न होकर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। लेकिन यह मांग नामंजूर कर दी गई। उसे पांच प्रश्नों को लेकर आपत्ति थी। लेकिन उसकी यह आपत्ति दरकिनार करते हुए उसका अभ्यावेदन निरस्त कर दिया गया। इसी वजह से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। वहीं दूसरे पक्ष की ओर से साफ किया गया कि अब यह याचिका अप्रासंगिक हो गई है, ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्य परीक्षा भी हो चुकी है। ऐसे में किसी तरह की राहत की मांग बेमानी है।