Tech, if you are troubled by spam calls then try these great tricks no unnecessary calls will come: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्पैम कॉल से प्रभावित देशों में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है। भारत में हर व्यक्ति को एक महीने में कम से कम 16 बार स्पैम कॉल्स आती हैं। स्पैम कॉल्स दरअसल ऐसे कॉल होती है, जो बिन बुलाए मेहमान की तरह होती है। ये कॉल आपको क्रेडिट कार्ड बेचने, लोन देने, बैंक खाता खोलने या कंपनी की सेवा या कोई सामान बेचने के लिए आते हैं।
Great Tricks: Spam Calls से परेशान हो चुके हैं तो आजमाएं ये ट्रिक, नहीं आएंगे फिजूल के कॉल
अधिकांश भारतीय है परेशान
साल 2017 में एक सर्वे में हर 10 में से 6 लोगों ने माना कि व्यस्त होने पर उन्हें स्पैम कॉल्स आते हैं। यानी इस तरह के कॉल भारत के लोगों को भी परेशान कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत इन कॉल्स को रिसीव करने वाले देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। कॉलर आइडेंटिफिकेशन कंपनी Truecaller ने एक सर्वे में बताया है कि भारत में एक स्पैमर हर दिन 6 लाख 64 हजार कॉल और हर घंटे 27 हजार कॉल करता है। ब्राजील, पेरू और यूक्रेन के बाद भारत दुनिया का चौथा देश है, जहां सबसे ज्यादा स्पैम कॉल होते हैं। ब्राजील में हर व्यक्ति को कम से कम 33 स्पैम कॉल, पेरू में 18, यूक्रेन में 17, भारत में 16 और मेक्सिको में 15 कॉल की जाती हैं।
ऐसे बच सकते है स्पैम कॉल से
भारत में 93.5 फीसदी यानी ज्यादातर स्पैम कॉल सेल के लिए यानी कुछ बेचने के लिए ही किए जाते हैं। इनसे बचने का सबसे आसान तरीका है DND यानी डू नॉट डिस्टर्ब सर्विस। आप जिस टेलीकॉम कंपनी का मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं उसके कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके इस सर्विस को शुरू कर सकते हैं और उसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर स्पैम कॉल्स को रोका जा सकता है। वहीं दूसरा तरीका है भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई के डीएनडी मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। यह ऐप अपने यूजर्स को प्रेफरेंस सेट करने का ऑप्शन देता है, जिससे आप हर तरह की स्पैम कॉल्स को रोक सकते हैं। इस ऐप के जरिए आप स्पैम कॉल्स के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं और अपनी शिकायत का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
सावधानी भी रखें
अपने मोबाइल में किसी भी एप या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते समय उसकी नीति और शर्तें जरूर पढ़ें। आमतौर पर ज्यादा लंबी टर्म एंड कंडीशन होने के कारण हम उसे पढ़ते नहीं है और इग्नोर करके आगे बढ़ जाते हैं। यहां से आपका व्यक्तिगत डेटा विज्ञापन कंपनियों को बेचा जाता है।