Last rites of vayuveer martyred in helicopter accident in bhopal today: digi desk/BHN/भोपाल/ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का कुछ देर पहले अंतिम संस्कार हुआ। उनके बेटे रिदिमन व छोटे भाई तनुज ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने वंदेमातरम, भारत माता की जय और जब तक सूरज-चांद रहेगा… जैसे नारे लगाते हुए बलिदानी सपूत को अंतिम विदाई दी।
इससे पहले विश्राम घाट स्थल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैप्टन की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर सैल्यूट किया। सेना के अफसरों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम ने कैप्टन के परिजनों से भी चर्चा की और उन्हें ढाढस बंधाया। अंतिम संस्कार में मंत्री विश्वास सारंग, क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग शामिल हुए।
जिला प्रशासन की निगरानी में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कैप्टन वरुण सिंह की अंतिम झलक पाने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के के लिए अभी भी लोगों का विश्राम घाट पहुंचना जारी है। बैरागढ़ विश्राम घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। अंतिम संस्कार से पूर्व सेना के जवानों ने उन्हें सलामी दी।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कैप्टन वरुण का शव लालघाटी से होते हुए संत हिरदाराम नगर विश्राम घाट पहुंचना था, लेकिन कैप्टन के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह ने प्रशासन से कहा कि अंतिम यात्रा के दौरान ट्रैफिक जाम नहीं होना चाहिए। इसे देखते हुए प्रशासन को कार्यक्रम में कुछ फेरबदल करना पड़ा है। अब केवल उनका पार्थिव शरीर सेना के अस्पताल से सीधे-सीधे विश्राम घाट पहुंचा।
कैप्टन की अंतिम निशानी, टोपी, तिरंगा
वायुवीर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की अंतिम निशानी, टोपी, तिंरगा, फोटो संभाले हुए सेवानिवृत ग्रुप कैप्टन निखिल नायडू और साथ में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के परिवार के लोग।
लोगो ने कैप्टन वरुण सिंह की अंतिम झलक देखने के लिए भारी संख्या में लोगो ने रास्ते मे अपने नायक के रास्ते मेंं दर्शन किए औन उन्हेंं श्रध्दांजलि दी। कई लोगोंं ने दीवारो को चढ़कर अपनी जान जोखिम में डालकर अपने नायक के दर्शन किए।
इससे पहले गुरुवार को दोपहर ढाई बजे सेना के विशेष विमान से दिवंगत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर भोपाल स्थित स्टेट हैंगर सैन्य सम्मान के साथ लाया गया। इस दौरान उनके पिता सेना से कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह और भाई तरुण सिंह भी उनके साथ थे। विमान से पार्थिक शरीर को उतारते ही गार्ड आफ आनर दिया गया। यहां से उनका पार्थिव शरीर सेना के वाहन से भोपाल स्थित इन्नर कोटर् कॉलोनी में उनके घर ले जाया गया। शाम को उनका पार्थिव शरीर ईमई सेंटर स्थित मिलिट्री अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 8 दिसम्बर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बैंगलुरू के सैनिक अस्पताल में इलाज चल रहा था। 15 दिसम्बर को सुबह ग्रुप केप्टन जिंदगी की जंग हार गए थे। दिवंगत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ तमिलनाडु के वेलिंगटन में सेवारत थे। उनके पिता सेना से रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह और मां उमा सिंह भोपाल में एयरपोर्ट रोड स्थित इन्नर कोर्ट कॉलोनी में रहते हैं। ग्रुप कैप्टन वरुण उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के मूल निवासी थे। करीब 20 साल पहले उनके पिता ने भोपाल में अपना निवास बनाया। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई तनुज नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर हैं।