Supreme court designates seven retired hc chief justices judges 18 advocates as senior advocates: digi desk/BHN/नई दिल्ली/सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाई कोर्टों के सात सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और 18 वकीलों को वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया है। देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एनवी रमना के नेतृत्व में शीर्ष अदालत की पूर्ण पीठ की बैठक में आठ दिसंबर को यह फैसला लिया गया। ‘वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पदनाम के लिए समिति’ के सचिव ने इस सिलसिले में सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरलों, बार काउंसिल आफ इंडिया के सचिव और सभी राज्य बार काउंसिल के सचिवों को पत्र लिखा है।
पत्र के अनुसार, वरिष्ठ वकील का दर्जा देने का यह फैसला अधिवक्ता अधिनियम की धारा 16 (2), सुप्रीम कोर्ट नियमावली, 2013 और वरिष्ठ वकील का दर्जा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत लिया गया है! एएनआइ के अनुसार, हाई कोर्टों के जिन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया गया है, उनमें जेएन भट्ट (गुजरात/पटना), सुरेंद्र कुमार (इलाहाबाद), एसके गांगेले (मध्य प्रदेश), विनोद प्रसाद (इलाहाबाद/ उड़ीसा), एल नरसिम्हा रेड्डी (आंध्र प्रदेश/पटना), एआइएस चीमा (बांबे) और नौशाद अली (आंध्र प्रदेश) शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को लोकसभा ने हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी थी। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस विधेयक में प्रविधान है कि हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को पेंशन की अतिरिक्त मात्रा या परिवार पेंशन के लिए कोई हकदारी सदैव उस माह की पहली तारीख से होगी जब पेंशन भोगी निर्दिष्ट आयु पूरी कर लेता है। लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजीजू ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हम न्यायाधीश के वेतन, पेंशन या अन्य सुविधाओं को कम नहीं कर रहे हैं वरन कुछ विसंगतियों को दूर कर रहे हैं।