INS Visakhapatnam: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ 75 फीसदी स्वदेशी तकनीक से लैस आईएनएस विशाखापट्टनम को 21 नवंबर को नौसेना (Indian Navy) में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि INS Visakhapatnam एक गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर युद्धपोत है, जिसे गुपचुप तरीके से दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम है। सबसे खास बात यह है कि INS Visakhapatnam को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 फीसदी स्वदेशी उपकरणों से तैयार किया गया है।
मडगांव में तैयार किया गया है INS Visakhapatnam
मुंबई के मडगांव में इस पहले स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पोत INS Visakhapatnam को तैयार किया गया है। 28 अक्टूबर को INS Visakhapatnam को भारतीय नौसना को सौंपा गया था और अब यह 21 नवंबर को नौसेना में पूरी तरह से शामिल कर लिया जाएगा।
INS Visakhapatnam से बढ़ेगी नौसेना की ताकत
आईएनएस विशाखापट्टनम के नौसेना में शामिल होने नौसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी। INS Visakhapatnam की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है। INS Visakhapatnam की अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसे चार अलग-अलग गैस टरबाइन इंजन से ताकत मिलती है। INS Visakhapatnam के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन बीरेंद्र सिंह बैंस के मुताबिक नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना कुछ और परीक्षण इस पर जारी रखेगी। उन्होंने ये भी कहा कि ऑनबोर्ड मशीनरी, विभिन्न सहायक हथियार प्रणालियों और सेंसर में सुधार किया गया है।
कार्यक्रम में शामिल होंगे रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 21 नवंबर को मुंबई डॉकयार्ड में आयोजित होने वाली कमीशनिंग सेरेमनी में INS Visakhapatnam को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। INS Visakhapatnam में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक मिसाइल सिस्टम समेत कई अन्य सेंसर और हथियार लगाए गए हैं। हवाई हमले से बचने के लिए INS Visakhapatnam 32 बराक 8 मिसाइल से लैस है। INS Visakhapatnam डिलीवरी नौसेना को 3 साल की देरी के बाद हुई है। नौसेना के लिए लिए INS Visakhapatnam के अलावा भी तीन और डिस्ट्रॉयर पोत बनने वाले हैं, इन चारों की कुल लागत करीब 35,000 करोड़ रुपए है।