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उमरिया वन मंडल में बाघों की गणना शुरू, 104 प्वाइंट पर लगाएं 208 कैमरे

उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/  उमरिया वन मंडल में बाघ गणना शुरू हो गई है। बुधवार 17 नवंबर से 23 नवंबर तक शाकाहारी और मांसाहारी वन्य प्राणियों के चिन्ह लेने के लिए बीट गार्ड ट्रांजिट लाइन पर पांच किलो मीटर तक पैदल चलेंगे। इस दौरान पाए जाने वाले चिन्हों की फोटो लेंगे और उन्हें एम स्ट्राइब मोबाइल ऐप में फीड करेंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए डीएफओ मोहित सूद ने बताया कि उमरिया वन मंडल में कैमरे पहले ही लगा दिए गए हैं।

यह करेंगे नोट

आज से शुरू होने वाली पैदल गणना में बीट गार्ड ट्रांजिट लाइन के दोनों तरफ पैदल चलेंगे। यह क्रम अगले सात दिनों तक चलेगा। पहले तीन दिन तक मांसाहारी जानवर, उनकी विष्टा, पद चिन्ह, पेड़ों पर उनके नाखूनों के निशान देखेंगे। अगले तीन दिनों तक शाकाहारी जानवरों, उनके पदचिन्ह, जंगल में पाए जाने वाले घास का आंकलन करेंगे और उसे ऐप में दर्ज करेंगे।

कैमरा ट्रेपिंग शुरू

उमरिया वन मंडल में कैमरा ट्रेपिंग भी शुरू कर दी गई है। इस बारे में जानकारी देते हुए वन मंडलाधिकारी मोहित सूद ने बताया कि जंगल के एक सौ चार प्वाइंट पर दो सौ आठ कैमरे लगा दिए गए हैं। कैमरे हर प्वाइंट पर आमने सामने लगाए जाते हैं ताकि उसमें कैप्चर होने वाला जानवर दोनों तरफ से साफ दिखाई पड़े। उन्होंने यह भी बताया कि कैमरे पच्चीस दिनों बाद निकाले जाएंगे।

कागज का नहीं होगा इस्तेमाल

प्रदेश में पहली बार बाघों की गणना मे कागजों का इस्तेमाल नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार इस बार सारी कार्रवाई एम स्ट्राइब मोबाइल ऐप के जरिए होगी। जंगलों मे बाघों की गणना सबंधी सूचना साफ्टवेयर मे उपलब्ध फार्म में दर्ज होगी। परंपरागत तरीकों के अलावा बाघ संभावित क्षेत्रों मे 2 किमी की ग्रिड बना कर 25-25 दिनों के लिए ट्रैप कैमरे स्थापित किए जाएंगे। इस पूरी कवायद के दौरान जो भी फोटो एवं जानकारी सामने आएगी उसे संकलित कर वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जाएगा।

चार साल पहले हुई थी गिनती

इससे पहले देश मे बाघों की गिनती वर्ष 2018 मे हुई थी। यह गणना प्रत्येक 4 वर्ष मे की जाती है। गणना की कार्रवाई 2022 के पूर्व ही शुरू हो जाएगी। बाघ विचरण क्षेत्रों से संकलित जानकारी देहरादून पहुंचने के बाद डाटा का वैज्ञानिक तरीके से परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद ही सही गणना के आंकड़े जारी किए जाएंगे।

बांधवगढ़ ने दिलाया टाइगर स्टेट का दर्जा

गौरतलब है कि इससे पूर्व हुए अखिल भारतीय बाघ आंकलन मे मध्यप्रदेश देश भर मे अव्वल रहा था। यहां सर्वाधिक बाघ पाए जाने के कारण ही राज्य को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था। इस उपलब्धि में बांधवगढ का विशेष योगदान था। वर्ष 2018 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे कुल 124 वयस्क बाघ पाए गए थे। जिन्हें मिला कर प्रदेश का आंकड़ा 526 हो गया।

 

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