Anticoagulant drug can reduce the risk of death from covid-19: digi desk/BHN/वियना/कोविड-19 के मरीजों में रक्त के थक्का बनने की समस्या आम हो चुकी है, जिसके कारण कई दिक्कतें पैदा होती हैं। आस्टि्रया के शोधकर्ताओं ने पाया है कि हेपरिन नामक दवा न सिर्फ कोविड-19 के खतरे को कम कर देती है, बल्कि वह संक्रमण की अवधि को घटाने भी मददगार है। हेपरिन एक एंटीकोएगुलेंट दवा है, जो खून में थक्का नहीं बनने देती।
इस तरह किया गया अध्ययन
मेडिकल यूनिवर्सिटी आफ वियना में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि जिन लोगों के इलाज में हेपरिन का उपयोग किया गया, उनके कोविड संक्रमण की अवधि भी कम हो गई। विश्वविद्यालय के जनरल सर्जरी विभाग के डेविड परेरा ने कहा, ‘जिन लोगों ने यह दवा ली, उनकी संक्रमण अवधि दवा न लेने वालों के मुकाबले औसतन चार दिन कम हो गई। हम यह जानकर चकित रह गए कि लो-मोलेक्युलर-वेट हेपरिन (एलएमडब्यल्यूएच) कोरोना वायरस और उसके संक्रमण पर सीधा प्रभाव छोड़ रही है।’
टीम के अनुसार, प्रयोग के आंकड़े बताते हैं कि हेपरिन, सार्स सीओवी-2 की कोशिकाओं की बांधने की क्षमता को प्रभावित करती हुई संक्रमण के प्रसार को रोकती है।
कार्डियोवस्कुलर रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित हुआ अध्ययन
इस अध्ययन के निष्कर्ष का कार्डियोवस्कुलर रिसर्च नामक पत्रिका में प्रकाशन हुआ है। इसमें बताया गया है कि कोविड के कारण खून में थक्का बनने के बाद मरीज को आइसीयू में भर्ती करना पड़ता है और कई बार इस वजह से मरीजों की मौत भी हो जाती है। एंटीकोएगुलेंट दवा कोरोना संक्रमितों के बचने की संभावना बढ़ा देती है। यह प्रतिरक्षा प्रक्रिया में भी बाधा नहीं पैदा करती।
गौरतलब है कि कोरोना के नए मामले अभी भी कई देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं। मामलों को बढ़ता देख आस्ट्रिया की सरकार ने कोरोना का टीका न लगावाने वाले लोगों के लिए अलग से लाकडाउन लगाए जाने की घोषणा की है।