- -खुद को मृत घोषित करने वाले व्यक्ति की पत्नी ने क्लेम के लिए दिया आवेदन
- -चार में से दो आरोपी गिरफ्तार, दो आरोपियों की तलाश जारी
Madhya Pradesh News: digi desk/ देवास/ एक करोड़ रुपये का क्लेम लेने के लिए एक जिंदा व्यक्ति ने खुद को दस्तावेजों में बुखार से मृत घोषित करवा लिया। पत्नी के हाथों से इंश्योरेंस लेने के लिए कंपनी में आवेदन भी कर दिया। मामले में आरोपी के बेटे ने डाक्टर से बुखार में मौत का सर्टिफिकेट बनवा लिया। इसके बाद नगर निगम से पिता के मृत होने का प्रमाण पत्र बनाकर संबंधित लाइफ इंश्योरेंश कंपनी ब्रांच को दिया, लेकिन कंपनी को शक हुआ तो कंपनी के अधिकारियों ने शहर की कोतवाली पुलिस को एक आवेदन दिया। जांच के बाद पूर मामले के क्लेम के षड्यंयंत्र का पर्दाफाश हो गया, क्योंकि जिसे मृत बताकर क्लेम के लिए करोड़ के लिए आवेदन दिया गया। वह 46 वर्षीय व्यक्ति पुलिस को स्वस्थ मिला।
फिलहाल पुलिस ने मामले से जुड़े चार आरोपितों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें आरोपित(जो दस्तावेजों में मृत घोषित हुआ था) और फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने वाले बेटे, सर्टिफिकेट बनाने वाले डाक्टर और आवेदन करने वाली आरोपित की पत्नी को आरोपित बनाया है। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी 46 वर्षीय अब्दुल हनीफ निवासी एकता नगर इटावा ने 2 मई 2019 आनलाइन एक करोड़ की जीवन बीमा पालिसी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंश की तारानी कालोनी स्थित शाखा से ली थी। जिसकी सालाना किश्त लगभग 40 हजार रुपए बैंक द्वारा तय कि गई थी।
अब्दुल हनीफ ने मासिक रूप से 4-4 हजार की दो किश्तें कंपनी में जमा की थी, लेकिन 2019 में सितंबर माह में अब्दुल हनीफ के पुत्र इकबाल ने अपने पिता को मृत बताकर नगर पालिका निगम में मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन दिया। जिसमें इकबाल द्वारा एक डा. शाकिर मंसूरी निवासी लक्ष्मीनगर स्टेशन रोड से फर्जी दस्तावेजों पर साइन करवाकर सर्टिफिकेट तैयार करवाया था। डाक्टर शाकिर के पास एयूएमएस की डिग्री है। इसके बाद इकबाल ने डाक्टर का साइन किया दस्तावेज देकर नगर निगम से मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाया गया।
पत्नी ने आवेदन किया, लिखा पति की बीमारी मौत हो गई
फर्जी तरह से प्रमाण पत्र तैयार होने के बाद अब्दुल की रेहाना पत्नी ने कंपनी में एक करोड़ के इंश्योरेंस के लिए आवेदन दिया था। पुलिस ने बताया कि इंश्योरेंश कंपनी को मृत्यु प्रमाण-पत्र सहित अन्य दस्तावेज देकर जालसाजी करने का पूरा षड्यंत्र आरोपित अब्दुल, उसके बेटे इकबाल व पत्नी रेहाना सहित डॉ. शाकिर शामिल ने रचा था, लेकिन कंपनी को शक हुआ तो कोतवाली थाने में आवेदन दिया। जिसकी जांच सब-इंस्पेक्टर पवन यादव द्वारा की गई। जांच में दस्तावेजों में खुद को मरा हुआ बताने वाले अब्दुल हनीफ स्वस्थ मिले। पुलिस ने अब्दुल व डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया। अन्य दो आरोपी की तलाश जारी है।