Zydus Cadila corona vaccine: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सरकार ने अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला को कोरोना रोधी वैक्सीन की एक करोड़ डोज खरीद का आर्डर दिया है। तीन डोज वाली “जाइकोव-डी” नामक इस वैक्सीन को लगाने के लिए सुई की जरूरत नहीं होगी। जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है। देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में जल्द ही 12 से 18 साल के उम्र के बच्चों को भी टीका लगाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित दुनिया के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए शुरुआती कदमों को हरी झंडी दिखा दी है। शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी।
कंपनी के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया कि जायडस कैडिला प्रति माह जाइकोव-डी की एक करोड़ डोज मुहैया कराने की स्थिति में है। इसके तीन डोज को 28 दिनों के अंतराल पर दिया जाना है। देश में विकसित यह दुनिया का पहला ऐसा टीका है जो डीएनए-आधारित एवं सुई-रहित है। जाइकोव-डी को 20 अगस्त को दवा नियामक से आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली थी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्र जाइडस कैडिला को जाइकोव-डी टीके की एक करोड़ डोज के लिए आर्डर दे चुका है, जिसकी कीमत कर को छोड़कर करीब 358 रुपये प्रति डोज है। इसमें 93 रुपये की लागत वाले “जेट एप्लीकेटर” का खर्च भी शामिल है। इसकी मदद से ही टीके की डोज दी जाएगी।